सिटी सेन्टर पर काले बादल…फिर से होगा सीमांकन..? SDM ने कहा..निर्देशों का होगा पालन…आदेश कापी का इंतजार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— हाईकोर्ट बिलासपुर ने अनुविभागीय अधिकारी को आदेश दिया है कि सिटी सेन्टर मामले में लिए गए फैसलों के अनुसार सीमांकन की कार्रवाई की जाए। विनय सलूजा ने हाईकोर्ट के निर्देश और तहसीलदार के प्रतिवेदन की कापी पेश कर एसडीएम से सिटी सेन्टर की जमीन को फिर से सीमांकन करने को कहा है।

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                     विनय सलूजा और उसके वकील ने एसडीएम के सामने हाईकोर्ट के आदेश और पूर्व में दिए गए तहसीलदार के प्रतिवेदन कापी पेश कर सिटी सेन्टर का सीमांकन फिर से कराए जाने को कहा है। विनय सलूजा ने लिखित आवेदन पेश कर बताया कि नगर सुराज अभियान के दौरान सिटी सेन्टर का सीमांकन रद्द किए जाने की मांग की गयी थी।

              आवेदन पर तहसीलदार बिलासपुर ने 25 जनवरी2018 को अपने प्रतिवेदन में बताया कि सिटी सेन्टर का सीमांकन विधि सम्मत नहीं है। इसलिए पूर्व सीमांकन निरस्त किए जाने योग्य है। बावजूद इसके राजस्व प्रशासन ने फिर से सीमांकन पर ध्यान नहीं दिया। मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट की एकल बेंच ने 11 अप्रैल 2018 को सीमांकन को लेकर अंतिम आदेश दिया है।

                     विनय सलूजा ने एसडीएम को लिखित आवेदन में बताया कि 11 अप्रैल 2018 के आदेश में हाईकोर्ट ने कहा है कि 25 जनवरी 2018 के प्रतिवेदन के अनुसार अग्रिम कार्रवाई एसडीएम कार्यालय से किया जाना है। राजस्व विभाग हाईकोर्ट के अनुसार कार्रवाई कर सिटी सेन्टर के पुराने सीमांकन को निरस्त करे । सिटी सेन्टर का नए सिरे से सीमांकन किया जाए।

                        सलूजा ने एसडीएम को बताया कि 11 अप्रैल 2018 के फैसले में हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि सिटी सेन्टर का पिछला सीमांकन निरस्त कर  नए सिरे से किया जाए।

विधि सम्मत और कोर्ट के निर्देश पर होगी निर्देश पर होगी कार्रवाई

                      एसडीएम देवेन्द्र पटेल ने बताया कि अभी तक कोर्ट का आदेश या फैसला नहीं मिला है। पत्र मिलने के बाद कोर्ट के आदेश के अनुसार विधि सम्मत कार्रवआई होगी। कोर्ट आदेश देखने के बाद ही मामले में फैसला लिया जाएगा। चूंकि आदेश और फैसले की आफिसियल कापी नहीं मिली है। इसलिए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। बावजूद इसके बताना चाहूंगा कि जो भी कदम उठाए जाएंगे…कानून के दायरे और कोर्ट के निर्देश पर ही होंगे।

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