बोडला-छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के भोरमदेव अभ्यारण में प्रस्तावित टाइगर प्रोजेक्ट के निर्णय को राज्य सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के वन मंत्री व कबीरधाम जिले के प्रभारी मंत्री महेश गागड़ा ने बोडला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत झलमला में हुए विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वनांचल में रहने वाले लोगों के हितांे और उनके विकास को ध्यान मे ंरखते हुए यह फैसला लिया है। अब भोरमदेव अभ्यारण के वन ग्राम तथा वनाचंल के किसी भी गांव को टाइगर प्रोजक्ट के नाम पर व्यवस्थापन नहीं किया जाएगा। उन्होंने वनाचंल क्षेत्र के बैगा-आदिवासियों एवं अन्य ग्रामीणों से आग्रह करते हुए यह भी कहा कि भोरमदेव अभ्यारण में प्रस्तावित टाईगर प्रोजेक्ट के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है तथा भ्रम की स्थिति निर्मित की जा रही है, ऐसे किसी भी बातों में ध्यान नहीं देना चाहिए।
प्रभारी मंत्री महेश गागड़ा ने विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने शहर से लेकर गावं और गांव से लेकर वनांचल में रहने वाले लोगों को विकास के मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध और संकल्पित है। सरकार ने अपनी इन्ही प्रतिबद्वता को पूरा करने के लिए वनाचंल क्षेत्रों के वाले बैगा-आदिवासी सहित सभी के आर्थिक विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की रही है। वनाचंल में रहने वाले वनवासियों के सामाजिक,आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए भी अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। आर्थिक रूप में मजबूत करने और सशक्त बनाने के लिए वनांचल में रहने वाले तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा ढाई हजार रूपए किया गया है,जो पहले बहुत ही कम था। उन्हे चरण पादुका निःशुल्क दिया जा रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए बच्चों को शिक्षा के लिए ऋण भी दिया जा रहा है।छात्रवृत्ति भी देने का प्रावधान सरकार ने रखा है।
उन्होने यह भी कहा कि सौभाग्य योजना के तहत घर-घर बिजली हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। कबीरधाम जिले के सभी बैगा बाहूल्य गांवों और उनके आश्रित मजरे-टोले तक इस योजना के तहत बिजली पहुचाई जा रही है। सरकार ने वनाचल क्षेत्रों के युवाओं को बेहतर शिक्षा के लिए लगातार प्रयासरत है। ग्राम पंचायत झलमला में महाविद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया गया है। इस क्षेत्र के सभी बैगा परिवारों को शतप्रतिशत प्रधानमंत्री आवास येाजना लाभ दिया जा रहा है। आवागन के लिए पक्की सडके चिल्फी से रेगाखार और साल्हेवारा तक निर्माण किया जा रहा है। उन्होने यह भी कहा कि इस क्षेत्र के विकास के लिए तीन सौ करोड से अधिक की राशि की अनेक निर्माण कार्य प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।