रायपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने प्रदेश के किसानों के रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग की है । साथ ही कहा है कि जो किसान मजबूरी में कम कीमत पर अपना अनाज बेच चुके हैं, उन्हे भावान्तर की राशि दी जाए।
एक बयान में उन्होंने कहा है रबी की फसल चना, गेहूं, सरसों, मक्का, तिवरा का किसानों को सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इस बात पर चिंता व्यक्त करते हुए भूपेश बघेल ने कहा है कि भाजपा सरकार ने पानी की कमी को कारण बता कर किसानों को गर्मी में धान की फसल लेने से रोका । साथ ही चना, गेहूं , सरसों, मक्का, तिवरा की फसलें लगाने के लिए कहा । जिन किसानों ने सरकार की बात मानकर चना गेहूं सरसों मक्का तिवरा की फसलें लगाई है , उन किसानों को मंडी में अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है । गेहूं का समर्थन मूल्य 1735 रुपए प्रति क्विंटल है । जबकि किसान गेहूं 12 सौ रुपए से 14 सौ रुपए तक बेचने को मजबूर है। जौ 14 सौ रुपए के समर्थन मूल्य की जगह 1 हजार रुपए , चना 4250 + 150 रुपए कुल 44 सौ रुपए समर्थन मूल्य की जगह 3 हजार रुपए , मसूर 4250 रुपए की जगह 3000 रुपए , सरसों 4000 की जगह 3000 रुपए में बेचने को मजबूर है । इसी तरह ग्रीष्मकालीन धान का समर्थन मूल्य किसानों को नहीं मिल पा रहा है ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने मांग की है कि रबी फसल की खरीद समर्थन मूल्य में की जाए और गर्मी के धान भी समर्थन मूल्य और बोनस देकर खरीदा जाए . जो किसान रबी की फसल चना ,गेहूं ,सरसों ,मक्का और धान कम दाम पर बेच चुके हैं या बेचने को मजबूर हैं , उनको समर्थन मूल्य और विक्रय मूल्य के अंतर की राशि दी जाए ।