बिलासपुर— सूरज अभी से ही तेवर दिखाने लगा है। तेज गर्मी से लोगों की त्वचा जलने लगी है। लोगों का दस बजे के बाद घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। शुरुआती गर्मी में ही शहर का तापमान प्रदेश में सर्वाधिक 40 डिग्री से ज्यादा दर्ज हो चुका है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम गर्मी से बचने के लिए तमाम एहतियातों को बरतें । विशेषज्ञ चिकित्सक की मानें तो गर्मी से बचने के लिए कुछ बुनियादी उपाय जरूरी है। घर से निकलने से पहले ज्यादा से ज्यादा पानी का उपयोग किया जाए। बाहर जाने से पहले सिर ढांक रखा जाए। खान-पान पर विशेष रूप से जागरूक रहने की जरूरत है।
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चिकित्सकों ने बताया कि चिलचिलाती धूप और उमस से सन अटैक का खतरा है। संक्रामक रोगों के फैलने का भी खतरा है। सबको विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। चिलचिलाती धूप और पसीने से तर-ब-तर की स्थिति में कदापि पानी न पीया जाए। कुछ देर आराम करने के बाद ही ठंडा पानी सेवन करें। इससे तबियत के खराब होने का खतरा नहीं रहेगा। खासकर संक्रामक बीमारियों से छुटकारा के लिए यह बहुत जरूरी है।चिकित्सकों ने बताया कि गर्मी में संक्रामक रोग का प्रकोप बहुत होता है। सिर में तेज दर्द, जुकाम, खांसी आना, बुखार के साथ उल्टी होना। उल्टी-दस्त के बाद कमजोरी महसूस करना। शरीर में कंपकंपी के बाद तेज बुखार और कई-कई दिन तक सिर्फ रात में बुखार आना। संक्रामक बीमारी के लक्षण हैं।
संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए लोगों बाजार की खुली चीजों का कतई सेवन न करें। सुबह-शाम भरपूर कपड़े पहनें और धर से शरीर ढक कर निकलें। धूल,धुआं और धूप से बचाव के लिए साफ तौलिये का प्रयोग करें।बाजार की तली और खुले में रखे खाने-पीने की चीजों का उपयोग बिलकुल ना किया जाए। बिना धुले और साफ-सफाई के किसी चीज के उपयोग से बचने का प्रयास किया जाए। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मच्छरों के प्रकोप से बचने के यथासंभव मच्छरदानी का प्रयोग किया जाए।