500 वर्ग मीटर प्रोजेक्ट का रेरा में रजिस्ट्रेशन जरूरी

Chief Editor
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छत्तीसगढ़ भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने रियल एस्टेट परियोजनाओं के पंजीयन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। रेरा के अध्यक्ष श्री विवेक ढांड ने बताया कि भू-सम्पदा विनियमन और विकास अधिनियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार 500 वर्ग मीटर या 8 यूनिट से अधिक सभी प्रकार की चालू और नवीन रियल एस्टेट परियोजनाओं का रेरा में पंजीयन अनिवार्य है।

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इनमें आवासीय, व्यावसायिक और मिश्रित भू-खण्ड आदि शामिल हैं।उन्होंने बताया कि विभिन्न माध्यमों से रेरा के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि रियल एस्टेट परियोजनाओं के पंजीयन को लेकर कई तरह की धारणाएं हैं, जिनका समाधान जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए रेरा की ओर से इन धारणाओं के निराकरण के लिए स्पष्टीकरण के साथ मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है।

रेरा ने रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीयन करवाने वाले आवेदकों की समस्याओं के समाधान और उन्हें समुचित मार्गदर्शन देने के लिए अपने कार्यालय में हेल्पलाइन के साथ हेल्प डेस्क की भी स्थापना की है। इस हेल्प लाइन का नम्बर 0771-4918927 है।

रेरा के रजिस्ट्रार अजय कुमार अग्रवाल द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में बताया गया है कि भू-सम्पदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 3 (1) के अनुसार कोई भी प्रमोटर किसी भी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को रेरा में पंजीकृत करवाए बिना किसी भी रीति से विज्ञापित नहीं कर सकेगा। उसकी मार्केटिंग, बुकिंग और विक्रय अथवा बेचने के लिए ऑफर भी नहीं कर सकेगा।

ऐसे प्रोजेक्ट जो स्वीकृत हैं, लेकिन अधिनियम लागू होने की तारीख पर उनकी मार्केटिंग, उनका विक्रय, विज्ञापन या उनकी बुकिंग नहीं की गई थी, वे नवीन प्रोजेक्ट के रूप में पंजीकृत किए जाएंगे। इसके लिए प्रोमोटर द्वारा किसी व्यवसायरत चार्टर्ड एकाउंटेंट से इस आशय का प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करना होगा कि प्रोमोटर ने इस नये प्रोजेक्ट के तहत कोई भी बुकिंग नहीं की और कोई विक्रय आदि नहीं किया है और न ही इस प्रोजेक्ट के तहत बुकिंग या विक्रय से राशि प्राप्त की है।

चालू परियोजनाओं के पंजीयन के संबंध में अधिनियम की धारा 3 (1) के परंतुक में यह स्पष्ट प्रावधान है कि ऐसे प्रोजेक्ट्स जो इस अधिनियम के लागू होने की तारीख अर्थात एक मई 2017 को चल रहे थे और जिनके कार्य पूरा होने का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया था, उस प्रोजेक्ट के पंजीयन के लिए आवेदन किया जा सकेगा।

प्रमोटर को चालू अथवा नवीन किसी भी तरह के रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के समय तीन प्रोफेशनल्स के प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत में करने होंगे। इनमें प्रोजेक्ट की कार्यपूर्णता अथवा प्रगति के प्रतिशत के संबंध में आर्किटेक्ट का प्रमाण पत्र, प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत के संबंध में इंजीनियर का प्रमाण पत्र और जमीन की लागत और प्रोजेक्ट की लागत तथा बुक्स ऑफ एकाउंट्स के अनुसार अन्य विवरणों के संबंध में चार्टर्ड एकाउंटेंट का प्रमाण पत्र शामिल हैं।

मानक संचालन प्रक्रिया में बताया गया है कि चालू प्रोजेक्ट मुख्य रूप से दो प्रकार के हो सकते हैं-जिनके पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं हुए हैं, लेकिन जिनका उपयोग आवंटितियों द्वारा किया जा रहा है और ऐसे प्रोजेक्ट जिनके न तो पूर्णता प्रमाण पत्र जारी हुए हैं और न ही आवंटितियों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। प्राधिकरण के प्रभारी सहायक अभियंता श्री एन.के. चंद्राकर को राजधानी रायपुर के शास्त्रीय चौक स्थित रेरा कार्यालय के भू-तल पर हेल्प डेस्क का दायित्व सौंपा गया है। अधिक जानकारी के लिए उनसे हेल्प लाइन नम्बर 0771-4918927 पर सम्पर्क किया जा सकता है। इसके अलावा आवेदक चाहें तो अपनी समस्याओं की जानकारी ई-मेल-[email protected] पर भी भेज सकते हैं। प्राधिकरण द्वारा उनका समुचित निराकरण किया जाएगा।

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