कमीशनखोरी पर गूंजा सदन…नेता प्रतिपक्ष कहा…महापौर बताएं कितना मिला कमीशन…तैय्यब ने कहा नकारा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— नगर निगम सामान्य सभा की हंगामेदार शुरूआत हुई। सदन करीब आधे घंटे देर से चाहू हुआ। कांग्रेस नेताओं ने तीन सौ से अधिक सफाई कामगारों की नियमितिकरण मामले को कार्यवाही में शामिल नहीं किये जाने का विरोध किया। बैठक के शुरू मं माइक को फेंकने को लेकर कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच नोकझोंक हुई। प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष का महापौर को कमीशनखोर कहे जाने पर सदन भठ्ठी की तरह गरम हो गया। मात्र पांच प्रश्न होने के बाद प्रश्नकाल खत्म हुआ।

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                                  महापौर किशोर राय ने आज सामान्य सभा की बैठक के बाद नगर निगम का भारी भरकम बजट पेश किया। बजट लंच के बाद पेश किया गया।  सदन कार्रवाई का पहला घंटा प्रश्नकाल का था। इसके बाद एमआईसी से पास 52 प्रस्ताव को सदन में रखा गया। सदन की शुरूआत हंगामे से हुई। भाजपा पार्षद राजेश अग्रवाल ने तैय्यब को फेंक कर दिया। इतना में कांग्रेस पार्षद ने भी दो बार माइक फेंका।

                              प्रश्नकाल के पहले कांग्रेस पार्षद दल के प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल,नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन,अखिलेश वाजपेयी और तैय्यब ने अस्थायी सफाई कर्मचारियों के नियमितिकरण को लेकर सवाल किए। प्रस्ताव में शामिल नहीं किये जाने का विरोध किया। देखते ही देखते माइक फेंकने को लेकर झगड़ा शुरू हो गया। किसी तरह सभापति अशोक विधानी ने मामले को शांत कराया।

कमीशनखोरी पर अभूतपूर्व हंगामा..तैय्यब ने कहा नकारा महापौर

                प्रश्नकाल में कुल पांच सवाल पढ़े गए। इसमें दो पार्षद सदन में नहीं थे। निम कर्मचारी सेटअप की जानकारी देते समय  कांग्रेस पार्षदों ने महापौर पर टाइम काटने का आरोप लगाया। तैय्यब ने कहा कि सब लोग देख रहे हैं कि किस टाइम काटने के लिए एक एक पद की जानकारी दे रहे हैं। सब कैमरे में कैद हो रहा है। सरकार भी देखेगी बिलासपुर नगर निगम का कितना नकारा महापौर है। जो लोकतंत्र का माखौल उड़ा रहा है। कांग्रेसियों के हंगामे के बाद मेयर किशोर राय को कुर्सी पर बैठना पड़ा।

                     दिनेश देवांगन के सवाल पर जब महापौर प्रदूषण के लिए जिम्मेदार लोगों को नोटिस भेजने की जानकारी दे रहे थे। उसी दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महापौर किशोर राय और भाजपा पार्षद दिनेश देवांगन पर कमीशनखोरी का आरोप लगा दिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महापौर यह भी बताएं नोटिस भेजने को लेकर कितना कमीशन मिला।

                                          इतना सुनते ही भाजपा पार्षद उग्र हो गए। माफी मांगों का नारा लगाने लगे। कांग्रेस ने भी कहा कहा जब तक भाजपा पार्षद माइक फेंके जाने को लेकर माफी नहीं मांगते हैं..तब तक माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता है। शोर शराबे के बीच शेख नजरूद्दीन ने कहा कि जब भाजपा के मुख्यमंत्री कहते हैं कि कमीशनखोरी बंद हो जाए तो भाजपा को कोई हरा नहीं सकता है। जब मुख्यमंत्री ही अपने नेताओं को कमीशनखोर कह रहा है तो हमारे कहने से हंगामा करने की कोई जरूरत नहीं है। यदि है तो पहले मुख्यमंत्री को माफी मांगना चाहिए। या फिर महापौर शपथ पत्र दें कि भाजपा पार्षद और मेयर कमीशनकोर नहीं है। इसके बाद हम भी माफी मांग लेंगे।करीब पन्द्रह बीस मिनट बाद हंगामे के बीच प्रश्नकाल का दौर खत्म हआ। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने माफी नहीं मांगी।

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