बिलासपुर—भारत बंद का असर बिलासपुर में मिला जुला दिखाई दिया। चौक चौराहों पर इकठ्ठा होकर एसटी एससी वर्ग के कर्मचारी और छात्र छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध किया। छात्र छात्राओं ने शहर के कोने कोने में मोटरसायकल,पैदल और रैली निकालकर दुकानों को बंद कराया। रैली और भीड़ निकलने के बाद दुकान खोल भी लिए गए। बावजूद इसके दोपहर में बाजार में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि एससी एसटी एक्ट 1989 का गलत इस्तेमाल का मामला लगातार सामने आया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि जरूरी नहीं कि थाने में एसटी एससी वर्ग के साथ अन्याय की शिकायत पर बिना जांच पड़ताल आरोपी को गिरफ्तार किया जाए। स्थिति परिस्थिति और छानबीन के बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई हो। एट्रोसिट एक्ट में गिरफ्तारी के पहले जमानत दिए जाने की भी बात सामने आयी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में इसे लेकर जमकर चर्चा हुई। आदिवासी और दलित समाज के छात्र छात्रा और कर्मचारियों ने फैसले का विरोध किया। 2 अप्रैल को एक साथ भारत बंद का एलान किया। इसी कड़ी में भारत बंद का असर बिलासपुर में मिला जुला दिखाई दिया।
दोपहर करीब 12 बजे जिले के सभी चौक चौराहोंं में लोग इकठ्ठे हुए। जय भीम और आरक्षण का नारा दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि एक्ट के रहते हुए समाज में दलित और आदिवासी वर्ग के साथ अन्याय कम होने के वजाय बढ़ा है। ऐसी सूरत में एक्ट के हटने से एसटी एससी वर्ग के साथ अन्याय को रोका नहीं जा सकता है। एक मात्र यही कानून है जिसके कारण एसटी एससी वर्ग सुरक्षित महसूस कर रहा है। एक्ट में की गयी नरमी से वर्ग पर अत्याचार बढ़ेगा। बल्कि कानून को कड़ा बनाया जाए। ताकि वर्ग पर अत्याचार होने से रोका जाए।
युवाओं ने ने मोटर सायकल रैली निकालकर शहर का एक दुकान बंद कराया। छात्राओं ने भी रैली निकाली। जगह जगह जय भीम के नारे लगाए गए। कानून को कड़ा बनाए जानकी मांग की गयी। भारत बंद का समर्थन कांग्रेस पार्टी,जनता कांग्रेस नेताओं के साथ आम आदमी पार्टी ने भी किया।
कांग्रेस नेता भूपेश बघेल,पीएल पुनिया, अटल श्रीवास्तव,विजय केशरवानी,जोगी कांग्रेस से अजीत जोगी धरमजीत, अमित जोगी बबला, आम आदमी पार्टी नेता जसबीर सिंह ने रैली का स्वागत कर फैसले के खिलाफ समर्थन किया।
यद्यपि शहर में तनाव का महौल देखने को मिला। लेकिन बेहतर पुलिसिग के कारण कही कोई अनहोनी घटना नहीं हुई। बावजूद इसके भारत बंंद का असर बिलासपुर में मिला जुला रहा।