NTPC से ताप बढ़ने का आरोप गलत…महाप्रबंधक का जवाब..तकनीक विकास के साथ कम होगा मैनपॉवर

BHASKAR MISHRA
5 Min Read

बिलासपुर— एनटीपीसी सीपत में पत्रकार मिलन समारोह में महाप्रबंधक असीम कुमार सावंत ने बताया कि देश का पहला और महत्वपूर्ण सुपर क्रिटिकल सिस्टम से बिजली तैयार किया जाता है। देश में एनटीपीसी सीपत को महत्वपूर्ण स्थान हासिल है। आने वाले 5 साल के भीतर 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल सिस्टम से किया जाएगा। महाप्रबंधक ने पत्रकारों के सवालों का भी जवाब दिया। उन्होने कहा कि यह बेबुनियाद बातें है कि एनटीपीसी सयंत्र के कारण बिलासपुर या आस पास के क्षेत्र का तापमान बढा है। इन आरोपो में ना तो वैज्ञानिक सच्चाई है और ना ही तार्किक।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                    एनटीपीसी में पत्रकार मिलन समारोह में महाप्रबंधक असीम कुमार सावंत ने पिछले साल का लेखा जोखा पत्रकारों के सामने रखा। उन्होने बताया कि एनटीपीसी परिवार ने 53 गीगा मेगावाट का बिजली उत्पादन किया। सावंत ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि एनटीपीसी देश के महत्वपूर्ण बिजली उत्पादन कंपनियों में से एक है। इस बात से इंकार किया कि एनटीपीसी सीपत के कारण तामपान में इजाफा हुआ है। यह वैज्ञानिक सोच के खिलाफ है क्योंकि एनटीपीसी सीपत सुपर क्रिटिकल तकनीकि आधारित सयंत्र के साथ पर्यावरण हितैषी भी है। तापमान बढ़ने का सवाल ही नहीं उठता है।

                        सावंथा ने बताया कि एनटीपीसी सीपत का शिलान्यास प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 28 जनवरी साल 2002 में किया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 19 सितम्बर 2013 में संयत्र का लोकार्पण किया। उन्होने बताया कि इस समय 660 मेगावाट की कुल तीन सुपर क्रिटिकल तकनीकि से 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। 500 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयों से कुल 2980 मेगावाट बिजली बनता है। महाप्रबंधक ने इस दौरान बिजली उत्पादन में आने वाली सामाग्रियों की आवश्यकताओं और जरूरतों की भी जानकारी दी। कोयला,पानी की आपूर्ति के बारे में भी बताया।

            सावंथा ने बताया कि पर्यावरण को ध्यान में रखकर एनटीपीसी संयत्र स्थापित किया गया है। सयंत्र की चिमनी 275 मीटर है। सयंत्र के आस पास और अन्य क्षेत्रों में ग्रीनरी पर विशेष ध्यान दिया गया है। परियोजना निर्माण में केवल राख से बनी ईटों का उपयोग होता है।

सम्मान और पुरस्कार

                 एनटीपीसी सीपत को 16 वें ऊर्जा दक्षता सम्मेलन में किफायती बिजली उत्पादन के लिए सम्मानित किया गया है। 2016-17 में सबसे कीफायती कोयला स्टेशन का पुरस्कार हासिल हुआ है। पिछले साल देश के सभी विद्युत स्टेशनों में एनटीपीसी सीपत को दूसरा स्थान होने का गौरव मिला है।

सामाजिक दायित्व

                       असीम कुमार ने इस दौरान एनटीपीसी के सामाजिक दायित्वों को भी सामने रखा। उन्होने बताया कि सीएसआर और संगवारी महिला समिति ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य किए हैं। एक सवाल के जवाब में असीम कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय कंपनी होने के कारण एनटीपीसी का दायितव भी बड़ा है। बिलासपुर समेत जांजगीर,मध्यप्रदेश सीमा क्षेत्र में भी एनटीपीसी ने विकास कार्य किया है। शासन के आदेश पर सीएसार मद से बैगा समाज के विकास पर भी एनटीपीसी ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया है।

                        साफ सफाई,हरियाली,पशुधन विकास,शिक्षा समृद्धि,दिव्यांगों को समर्थ बनाने,शौचालय निर्माण,शुद्ध पेयजल व्यवस्था,स्वास्थ्य के क्षेत्र में एनटीपीसी ने हमेशा आगे बढ़कर काम किया है। महाप्रबंध ने बताया कि एनटीपीसी ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में राज्य शासन को पांच करोड़ से अधिक राशि देने का फैसला किया है। इस राशि से सड़क के दोनों तरफ करीब सात लाख पौधे लगाए जाएंगे।

                असीम कुमार ने बताया कि तकनीकि का तेजी अपग्रेडेशन हो रहा है। सयंत्र के लिए जमीन की जरूरत तो होगी लेकिन मैनपवार की आवश्यकता कम होगी। जाहिर सी बात है कि जमीन के आधार पर सबको नौकरी नहीं दिया जा सकता है। उन्होने बताया कि एनटीपीसी में अभी पचास लोगों को कमिटमेन्ट के आधार पर नौकरी दिया जाना है।

                        एक सवाल के जवाब में असीम कुमार ने बताया किसभी धर्म और मजहब का सम्मान किया जाता है। हमने ग्रीनरी बेल्ट में धार्मिक स्थल का निर्माण शुरू किया है। शासन को इसकी जानकारी जरूर देंगे। तीन तालाब कहां है के सवाल पर उन्होने सवाल को भटका दिया।

close