प्रभारी सीईओ के आदेश को मानने से इंकार…कर्मचारियों ने कहा तानाशाही ठीक नहीं…हड़ताल पर रहेंगे कर्मचारी

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर— जिला सहकारी बैंक कर्मचारियों ने एक दिवसीय हड़ताल का एलान किया है। प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी गुरूद्वान ने हड़ताल पर जाने वाले सभी कर्मचारियों के छुट्टी के आवेदन को निरस्त करते हुए काम पर लौटने को कहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कर्मचारी संघ ने सीईओ के आदेश को ना मानते हुए हड़ताल पर जाने के फैसले को सही बताया है। वहीं जिला सहकारी बैंक कर्मचारी संघ ने हड़ताल वापस लेने की बात कही है। बताते चले किं छत्तीसगढ़ जिला सहकारी बैंक के प्रमुख सूर्यकांत और जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष घनश्याम तिवारी हैं।

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                           दस सूत्रीय मांग को लेकर जिला सहकारी बैंक के सभी कर्मचारी 17 मार्च को एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे। छत्तीसगढ़ जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष सूर्यकांत ने बताया कि जिला प्रशासन समेत सभी जिम्मेदार विभागों और अधिकारियों को हड़ताल की जानकारी भेज दी गयी है। प्रदेश के सभी जिला सहकारी बैंक कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल का समर्थन किया है। सूर्यकांत ने बताया कि हड़ताल छत्तीसगढ जिला सहकारी बैंक कर्मचारी के बैनर तले होगा। जिला सहकारी बैंक संगठन का हड़ताल से कोई लेना देना नहीं है। प्रदेश के कमोबेश सभी जिला सहकारी बैंक के कर्मचारियों संगठनों से समर्थन भी मिल गया है।

       इधर घनश्याम तिवारी की अगुवाई वाली जिला सहकारी बैंक कर्मचारी संगठन के अनुसार प्रदेश के सभी बैंक कर्मचारियों को सूचित किया गया है कि कर्मचारियों का मामला अभी चर्चा में है। इसलिए हड़ताल को स्थगित किया जाता है। संचालक मंडल जल्द ही कर्मचारी हित में फैसला लेगा।

                     हड़ताल स्थगित होने की जानकारी पर छत्तीसगढ़ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक संगठन अध्यक्ष सूर्यकांत ने बताया कि घनश्याम तिवारी के संगठन से हमारा कोई लेना देना नहीं है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंंक कर्मचारी संगठन को भंग किया जा चुका है। घनश्याम तिवारी ने 27 फरवरी को संगठन का नया  पंजीयन कराया है। जबकि हमारे संगठन का पंजीयन 11 फरवरी 2018 को हुआ है। घनश्याम तिवारी के संगठन का पंजीयन तो है लेकिन कर्मचारियों का समर्थन हासिल नही हैं।

काम पर लौटे कर्मचारी

                      जिला सहकारी बैंंक के प्रभारी सीईओ विकास ने बताया कि सभी कर्मचारियों के एक दिन के सामुहिक अवकाश को निरस्त किया जाता है। लोकसुराज अभियान चल रहा है। बैक के बहुत जरूरी काम पेंडिग मेंं है। कर्मचारियों पर निगरानी के लिए समिति का गठन किया गया है। यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो उचित कानूनी कदम उठाए जांएंगे।

आदेश का कोई मतलब नहीं

                         कर्मचारी नेता सूर्यकांत ने बताया कि प्रभारी आदेश के फरमान का कोई मतलब नहीं है। हमने मामले में जिला प्रशासन को भी अवगत करा दिया है। संयुक्त पंजीयक कार्यालय के अनुसार सीईओ की नियुक्त गलत है। सहकारी संस्थाएं पहले ही प्रभारी सीईओ के सभी प्रशासनिक आदेशों को अमान्य कर दिया है। ऐसी सूरत में प्रभारी सीईओ के आदेश को मानने का सवाल ही नहीं उठता है।

                                           सूर्यकांत जायसवाल के अनुसार बिलासपुर बैंक प्रबंधन के तानाशाही रवैया से कर्मचारी परेशान हैं। प्रबंधन की मनमानी से बैंक के साख को नुकसान पहुच रहा है। सूर्यकांत ने बताया कि कुछ लोग संस्था हित को छोड़ कर ब्यक्तिगत स्वार्थ में लगे हैं । आंदोलन को दबाने के लिए मैनेजमेंट का साथ दे रहे हैं। लेकिन बैंक कर्मचारी मांग पूरी होने की शर्त पर ही आंदोलन से पीछे हटेंगे।

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