वीरगति जवानों को भी मिले शहीद का दर्ज़ा….जनता कांग्रेस ने कहा…केंद्र सरकार बदले नियम..CM से मांगा इस्तीफा

BHASKAR MISHRA
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रायपुर—सुकमा जिले के किस्टाराम में नक्सलियों के बारूदी विस्फोट में सीआरपीएफ के जवान शहीद और आधे दर्ज़न से गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि 36 घंटे पहले मुख्यमंत्री सुकमा जिले के इंजरम गांव में लोक समाधान शिविर का आयोजन करते है। शिविर के बाद भेज्जी मार्ग में मोटर सायकल की सवारी भी करते हैं।

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                          जताने का प्रयास करते हैं कि नक्सली क्षेत्र में अब शांति है। लेकिन 36 घंटे बाद शांति व्यवस्था की पोल खुल गयी है। डे ने  मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि सुकमा के लोक समाधान शिविर का आयोजन और रोड शो के कारण फाॅर्स मात्र मुख्यमंत्री के दौरे के मार्ग में  लगायी गयी थी। जिसके कारण नक्सली बड़ी वारदात देने में सफल नहीं हुए।
              सुब्रत डे ने बताया कि मुख्यमंत्री की प्रदेश जनता के बीच नक्सली शांति का झूठा दिखावा चंद घंटो बाद  बाद सामने आ गया है। 9 जवान जवान शहीद और आधा दर्जन से अधिक जिन्दगी और मौत के झूल रहे हैं।  मुख्यमंत्री को शहीदों के परिजनों , प्रदेश की जनता से माफ़ी मांगते हुये इस्तीफा दे देना चाहिए I
                              जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने  कहा की भारतीय कानून के अनुसार मात्र सेना के जवानो का लड़ते हुये  वीर गति प्राप्त करना ही शहीद की परिभाषा में आता है  किन्तु पैरा मिलिट्री फाॅर्स या अर्ध सैनिक बलों की वीरगति पर शहीद का दर्ज़ा नहीं मिलता जिसके कारण इन सैनिको को ‘ शहीद ‘ के परिजनों को मिलने वाली तमाम सुविधा नहीं मिल पाती। केंद्र सरकार नियमो में संशोधन कर मुढभेड़ में मारे गए जवानों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए।

 

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