रिजवी बोले-चुनाव के साल बीजेपी को याद आए अल्पसंख्यक

Shri Mi
3 Min Read

रायपुर।जनता कांगे्रस छत्तीसगढ़ जे मीडिया प्रमुख इकबाल अहमद रिजवी ने कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव अजय सिंह की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए नवीन 15 सूत्रीय कार्यक्रम के क्रियान्वयन एवं समीक्षा हेतु हुई राज्य स्तरीय समिति की बैठक में मदरसों के भवन निर्माण के लिए सब्जबाग दिखाया गया है, जिसे  अल्पसंख्यकों को चुनावी वर्ष में प्रदेश सरकार द्वारा प्रलोभन देने का प्रयास समझा जा रहा है। मदरसों के भवन के लिए भूमि आबंटन की बात केवल अल्पसंख्यक मतदाताओं को रिझाने का प्रलोभन मात्र है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

विगत्14 वर्षों के दौरान प्रदेश में सत्ता पर काबिज भाजपा का इतिहास दर्शाता है कि भाजपा ने अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों एवं इसाईयों के प्रति तिरस्कार का रवैया ही अपनाया है। भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक तरफ तो सबका साथ सबका विकास का नारा देते हैं वहीं दूसरी ओर इस तरह से प्रलोभनार्थ दिये गये जुमले की वास्तविकता सत्यता से कोसों दूर है।

केन्द्र सहित भाजपा सरकारों द्वारा अल्पसंख्यकों को केवल मुगालते में रखकर उन्हें ठगा गया। भाजपा की सारी घोषणायें केवल भ्रामक जुमले ही सिद्ध हुए। भाजपा केवल जुमलांे के द्वारा ही जनता को बहकाने का काम  करती है, अतः बी.जे.पी. को यदि भ्रामक जुमला पार्टी कहा जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। भाजपा झूठ, प्रलोभन एवं भ्रामक प्रचार का ही सहारा लेकर सत्ता में आई है।

रिजवी ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार में अल्पसंख्यक हर क्षेत्र में उपेक्षित हैं। सरकारी नौकरियों में तो इस सरकार में अल्पसंख्यक चपरासी की नौकरी के योग्य भी नहीं हैं। छत्तीसगढ़ के पिछले तीन विधान सभा चुनावों में एक भी मुस्लिम को टिकट न देना यह सिद्ध करता है कि भाजपा को मुस्लिमों से एलर्जी है।

अजीत जोगी के शासनकाल में उर्दू शिक्षकों के 473 पद स्वीकृत किये गये थे जो 14 साल बाद भी भरे नहीं गये। साथ ही भाजपा शासनकाल में सन् 2006 में पिथौरा दंगों के प्रभावितों को मुआवजा राशि आज तक अप्राप्त है। भाजपा के मुख से अल्पसंख्यक कल्याण की बात शोभा नहीं देती है। देश का अल्पसंख्यक समुदाय भाजपाई जनप्रतिनिधियों के उत्तेजक,विस्फोटक एवं अमर्यादित टिप्पणीयों को बखूबी जान व समझ चुका हैं।

अल्पसंख्यक अब और भाजपा के झूठे वादों एवं भ्रमजाल में फंसने वाले नहीं हैं। अल्पसंख्यकों की देश में वास्तविक स्थिति को दर्शाने के लिए रिजवी ने इन पंक्तियों का सहारा लिया हैः-

‘‘सब चाहने वाले तो हैं लेकिन हमारा कोई नहीं

हम इस मुल्क में उर्दू की तरह रहते हैं’’

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close