हलफनामे में कहा गया है .’देश में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपालों और उपराज्यपालों और सचिव (विदेश मंत्रालय) को दो जनवरी 2018 की तारीख वाले पत्र में सुनिश्चित करने को कहा गया है कि राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के सचिवालय, राज्यपाल.उपराज्यपाल या उनके अधिकारियों, सचिवालय, विदेश मंत्रालय में इस्तेमाल होने वाले वाहनों का अगर पंजीकरण नहीं हुआ है तो जल्द से जल्द कराएं। नियम के मुताबिक पंजीकरण चिह्न प्रदर्शित किया जाए।
केंद्र सरकार के स्थायी वकील राजेश गोगना के जरिए दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि उपराष्ट्रपति सचिवालय ने सूचित किया है कि देश के उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी के इस्तेमाल वाले वाहनों समेत सचिवालय के सभी वाहन पंजीकरण नंबर प्रदर्शित करते हैं।
उच्च न्यायालय को जानकारी दी गयी कि विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसके पास 14 वाहन हैं। सभी वाहनों का इस्तेमाल विदेशी विशिष्टजनों के दौरे मे होता है। मंत्रालय ने वाहनों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
गैर सरकारी संगठन सामाजिक कार्यकर्ता के जरिए दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि पंजीकरण नंबर की जगह चार सिंह वाले राजकीय प्रतीक को प्रदर्शित करने वाली गाड़ियों पर लोगों का ध्यान सहज ही जाता है। इससे आतंकवादी और गलत इरादे रखने वाला कोई भी आसानी से व्हीव्हीआपी वाहनों को निशाना बना सकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को मोटर वाहन कानून के तहत पंजीकृत नहीं हुई ऐसी कारों को जब्त करने को कहा जाए। जिनका इस्तेमाल राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति, राजनिवास और विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल डिवीजन में होता है।