नईदिल्ली।कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसी बीच राज्य सरकार तरह तरह की घोषणाएं भी कर रही हैं। 28 फरवरी को मध्य प्रदेश सरकार ने अपना बजट पेश किया था। शिवराज सरकार जल्द ही अपने कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक सैलरी दे सकती है। जल्द ही पेंसनर्स और निगम-मंडल के कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी दी जाएगी। इसके अलावा आंगनवाड़ी कर्मियों की सैलरी भी बढ़ाई जाएगी। आपको बता दें कि उड़ीसा सरकार ने भी राज्य के कर्मचारियों की सैलरी को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक करने का वादा किया है। यह रिवीजन 1 जनवरी 2016 से लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार इसी साल अप्रैल में अपने कर्मचारियों की मांगों पर फाइनल फैसला ले सकती है। रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार फिटमेंट फेक्टर को 3 गुना बढ़ाकर कर्मचारियों के मूल वेतन में बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है, और यही कारण है कि इस पर चल रही बहस लंबे समय तक जारी है। आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय ने कथित रूप से एक पैनल स्थापित किया है जो इस साल अप्रैल तक इन कर्मचारियों की मांगों पर अंतिम फैसला ले सकता है। यह उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री द्वारा लोअर लेवल के कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का वादा भी पूरा हो सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। इसमें सभी विभागों के अधिकारियों और मंत्रियों को शामिल किया गया है। इस समिति में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के सचिवों के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग, पेंशन, रिवेन्यू, एक्सपेंडेचर, हेल्थ, रेलवे बोर्ड के साइंस एंड टेक्नॉलोजी के चैयरमेन और डिप्टी कैग इसके मेंबर हो सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि कैबिनेट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिन्हा इस कमेटी के अध्यक्ष हों। हालांकि अभी तक इस कमेटी के बारे में भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। केंद्रीय कर्माचरियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए महीने बढ़ाने के बजाय 26,000 रुपए महीने किया जाए। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुने से बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए।