बड़ी राहतः95 शिक्षाकर्मियों के खिलाफ 6 साल पहले लगाया गया एस्मा समाप्त करने का आदेश

Chief Editor
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बिलासपुर । पिछले करीब 6  साल से एस्मा की कार्रवाई से प्रभावित शिक्षा कर्मियों को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इस मामले में सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने 95 शिक्षा कर्मियों पर लगे एस्मा को समाप्त करने का आदेश दियाहै। यह याचिका छत्तीसगढ़ पंचायत ननि शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री वासुदेव पांडेय की ओर से लगाई गई थी।यह जानकारी देते हुए शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक और छत्तीसगढ़ पंचायत ननि शिक्षक संघ के  प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा के बताया कि  छत्तीसगढ़ पंचायत ननि शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री वासुदेव पांडेय  की ओर से रीट पिटीशन 6969/2011 हाईकोर्ट में पेश की गई थी। जिसमें सरकार की ओर से हड़ताल के दौरान शिक्षा कर्मियों पर लगाए गए एस्मा को चुनौती दी गई थी।  बीते 6 साल से एस्मा की पेशी काट रहे प्रदेश के 95 शिक्षाकर्मियों को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने नवंबर 2011 में उन पर लगे एस्मा प्रकरण को समाप्त कर दिया है।

             
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प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि बिलासपुर के शिक्षाकर्मी और छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री वासुदेव पाण्डेय ने नवंबर 2011 में शिक्षाकर्मियों पर दर्ज हुए एस्मा प्रकरण को लेकर 22 नवंबर 2011 को अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से याचिका रीट पिटीशन नम्बर 6969/2011 लगाते हुए चुनौती दी थी । जिस पर राज्य सरकार को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया था लेकिन सरकार के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया ।हाईकोर्ट के द्वारा शासन को जवाब पेश करने के लिए कई बार समय दिया गया पर इसके बाद भी उनके द्वारा किसी प्रकार का कोई जवाब न्यायालय में नहीं दिया गया आखिरकार हाईकोर्ट ने उस मामले को स्वत: समाप्त कर दिया ।

संजय शर्मा को अनुसार  इस प्रकरण की सबसे खास बात यह थी कि सरकार शिक्षाकर्मियों को बार-बार जिस बात से चोट पहुंचाते आई है । उसी को आधार बनाकर अपने संघ के छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री वासुदेव पाण्डेय से 2011 में एस्मा की कार्यवाही को चुनौती देने के लिए उच्चन्यायालय बिलासपुर में याचिका रीट पिटीशन नम्बर दायर करवाया गया  था।   याचिका में उन्होंने कहा था कि जब शासन शिक्षाकर्मियों को शासकीय सेवक नहीं मानता तो उनके खिलाफ एस्मा कैसे लागू होगा और यदि एस्मा लागू होता है तो फिर शिक्षाकर्मी शासकीय कर्मचारी घोषित किए जाए । यही कारण है कि शासन इस प्रकरण में शुरुआत से जवाब देने से बचती रही और पेशी दर  पेशी मामला आगे खिसकता चला गया , लगातार नोटिस के बाद भी जब सरकार के द्वारा कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तो हाईकोर्ट ने मामले का खात्मा करते हुए कहा कि एस्मा का प्रकरण 6 माह रहता है और उसके बाद स्वत: समाप्त हो जाता है,  बहरहाल लंबे समय से एस्मा से प्रभावित शिक्षाकर्मियों के लिए यह एक बड़ी राहत है  ।

मोर्चे के संचालक वीरेंद्र दुबे  ने बताया कि रायपुर में 95 लोगों पर एस्मा लगा हुआ है जिसमें मैं भी शामिल हूं। हम जल्दी ही सचिव  के पास हाईकोर्ट की कॉपी लेकर जाएंगे। उन्होने बताया की एस्मा सर्वाधिक संख्या  में रायपुर के शिक्षा कर्मीयो पर ही है। उसके बाद प्रदेश के अन्य जिलों में कुछ अन्य शिक्षा कर्मी साथियो पर आंदोलन के दौरान लगा था ।
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