विदेश में एमबीबीएस करने के लिए भी NEET जरूरी,मंत्रालय ने दी मंजूरी

Shri Mi
1 Min Read

नईदिल्ली।देश में सभी मेडिकल पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए राष्‍ट्रीय प्रवेश परीक्षा (राष्‍ट्रीय योग्‍यता व प्रवेश परीक्षा) को अनिवार्य बना दिया गया है। विदेशों में चिकित्‍सा की पढ़ाई करके प्रारंभिक चिकित्‍सा योग्‍यता (एमबीबीएस) की डिग्री लेने के बाद भारतीय छात्रों को देश में प्रैक्टिस शुरू करने के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेज्‍युएट एग्‍जाम (एफएमजीई) में सफल होना होगा। यह संज्ञान में आया है कि विदेशी चिकित्‍सा संस्‍थान/विश्‍वविद्यालय भारतीय छात्रों का नामांकन करने के पहले उचित आकलन नहीं करते हैं या स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट नहीं लेते हैं। इस कारण बहुत से छात्र स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट में असफल हो जाते हैं।इस संबंध में भारतीय चिकित्‍सा परिषद ने स्‍क्र‍ीनिंग टेस्‍ट नियमावली 2002 में संशोधन करने का प्रस्‍ताव दिया है। इसके अन्‍तर्गत विदेश में चिकित्‍सा पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए एनईईटी में सफल होना अनिवार्य बनाया गया है।

भारतीय नागरिक/विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिक जो विदेश में चिकित्‍सा की पढ़ाई करना चाहते हैं उन्‍हें मई 2018 के बाद एनईईटी परीक्षा में अनिवार्य रूप से पास होना होगा। इन व्‍यक्तियों के लिए NEET का रिज़ल्ट योग्‍यता प्रमाण पत्र के समान माना जाएगा।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close