शिक्षा कर्मियों में बजट को लेकर निराशाः अब 3-30 बजे फेसबुक LIVE में अपनी बात रखने की तैयारी

Chief Editor
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रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह की ओर से पेश किए बजट का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया फेसबुक पर किया गया । बड़ी तादात में लोगों ने इसे देखा। जिनमें शिक्षा कर्मी भी थे। हालांकि शिक्षा कर्मियों के मुद्दों को लेकर बनाई गई कमेटी के फैसले को लेकर काफी लोगों को बड़ी उम्मीदे हैं।लेकिन LIVE के दौरान फेसबुक के कमेंट बाक्स में जिस तरह की प्रतिक्रियाएँ पढ़ने को मिली , उससे लगा कि सविलयन की मांग पूरी नहीं होने पर लोगों में काफी नाराजगी भी है। अब लोगों को साढ़े तीन बजे होने वाले LIVE प्रोग्राम का इंतजार है। जिसमें शिक्षा कर्मीं संगठन के लोगों ने भी सभी से अपील की है कि संविलयन का मुद्दा अधिक से अधिक उठाएँ।

             
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 प्रांतीय संगठन मंत्री वासुदेव पाण्डेय ने कहा कि   वे तमाम शिक्षाकर्मी साथी जो Facebook उपयोग करते हैं दोपहर 3:30 बजे मुख्यमंत्री रमन सिंह के पेज पर जाकर आज उनसे लाइव सवाल पूछे कि आखिरकार जब मध्य प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा हो चुकी है तो फिर छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों के हित में निर्णय लेने में देरी क्यों की जा रही है। इसके अलावा क्यों उनके विधानसभा में घोषणा करने के  डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद आज तक समय पर वेतन भुगतान की व्यवस्था नहीं हो सकी और अभी भी 2 से 3 माह के वेतन का भुगतान लंबित है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है और ऐसी स्थिति में शिक्षा में गुणवत्ता आएगी कैसे ?….. इसके अतिरिक्त भी आप अपने निजी सवाल उनसे पूछ सकते हैं। मुख्यमंत्री से घर बैठे अधिक से अधिक सवाल पूछें, जवाब देना या ना देना उनका विशेषाधिकार है ।पर उन्हें पता चलना चाहिए कि शिक्षाकर्मी इस बार संविलियन से कम किसी बात पर राजी नहीं होंगे और यदि यह उन्हें नहीं मिला तो फिर वह परिवर्तन के लिए तैयार हैं। इस बात का स्पष्ट संकेत उन तक पहुंच जाए ऐसा प्रयास रहना चाहिए ।
शिक्षक पंचायत / नगरीय निकाय  एम्प्लॉइस एसोसिएसन छत्तीसगढ़  कृष्ण कुमार नवरंग ने कहा कि आज cm फ़ेसबुक ऑन लाइन में जो मांग रखेगी उसमे प्रमुख होगा जिला पंचायत बस्तर के सीईओ रितेश अग्रवाल  के द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति के शिक्षक पं संवर्ग के प्रति भेदभावपूर्ण पदोन्नत्ति व कार्यवाही से नाराजगी की बात को प्रमुखता से रखेगी। ज्ञात हो जिला पं बस्तर ने सहायक शिक्षक की पदोन्नत्ति में आरक्षण नियम के विपरीत रोस्टर के अनारक्षित बिंदु को सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित करने से अनु जनजाति के वरिस्ठ से वरिस्ठ पदों से वंचित व सामान्य वर्ग के जूनियर से जूनियर  की पदोन्नत्ति हुई है साथ ही भर्ती नियम 2012 के विपरीत अंग्रेजी साहित्य कला के पदो पर संस्कृत हिंदी साहित्य व वाणिज्य के शिक्षाकर्मी की पदोन्नत्ति देकर जानबूझकर नियमो की अवहेलना किया है ।
इसलिए  cm से सूची निरस्त करने की मांग के साथ शिक्षा विभाग के मृत ड्राइंग कैडर पद को पुनर्जीवित कर शासकीयकरण कर संविलियन करने व वरिष्ठता के साथ पदोन्नत्ति व उच्चतर पदो का वेतन के साथ संस्था प्रमुख के पद पर शिक्षक पं संवर्ग की पदोन्नत्ति व मृत परिवार के आश्रित को अनुकंपा के साथ बंधन मुक्त स्थानांतरण की मांग करेगी।

   सूरजपुर जिला शिक्षक संघ के अध्यक्ष  सचिन त्रिपाठी ने कहा कि  पूरे प्रदेश के 1लाख 70 हजार शिक्षाकर्मियो की नजर इस बजट पर बेसब्री से है ।यदि यहां से यदि कुछ सकारत्मकता दिखती है तो हमारे टूटते विश्वाश को एक आसरा मिलेेगा।अब गेंद सरकार के पाले में है, हम तो बस मूक दर्शक बने बैठे है  जो परिणाम आने पर ही अपनी निर्णायक प्रतिक्रिया देंगे। शनिवार को 3:30 के बाद सुरजपुर जिले के शिक्षाकर्मी जो फेसबुक से जुड़े है मुख्यमंत्री  से संविलियन पर संवाद करेंगें।
शिक्षक पंचायत/नगरीय निकाय संघ छत्तीसगढ़  के प्राताध्यक्ष डॉ. गिरीश केशकर ने कहा कि  शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा जाता है। यदि शिक्षक शोषित और समस्या से ग्रसित होगा तो सही राष्ट्र निर्माण की कल्पना बेमानी है। 20 साल से पंचायत विभाग के शिक्षक (शिक्षाकर्मी)  अपना हक़ पाने संघर्षरत हैं।  मुख्यमंत्री  को शिक्षाकर्मियो के हक़ में निर्णय लेना चाहिए ।शिक्षक का पूर्ण अधिकार देना चाहिए ताकि शिक्षाकर्मी अपनी समस्याओं से निजात पाकर अपना सम्पूर्ण योगदान शिक्षा और बेहतर राष्ट्र निर्माण में दे सकें।

विवेक दुबे ने कहा कि   वे तमाम शिक्षाकर्मी साथी जो Facebook उपयोग करते हैं दोपहर 3:30 बजे मुख्यमंत्री रमन सिंह के पेज पर जाकर आज उनसे लाइव सवाल पूछे कि आखिरकार जब मध्य प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा हो चुकी है तो फिर छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों के हित में निर्णय लेने में देरी क्यों की जा रही है।इसके अलावा क्यों उनके विधानसभा में घोषणा करने के  डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद आज तक समय पर वेतन भुगतान की व्यवस्था नहीं हो सकी और अभी भी 2 से 3 माह के वेतन का भुगतान लंबित है । आखिर इसका जिम्मेदार कौन है और ऐसी स्थिति में शिक्षा में गुणवत्ता आएगी कैसे ?….. इसके अतिरिक्त भी आप अपने निजी सवाल उनसे पूछ सकते हैं। मुख्यमंत्री से घर बैठे अधिक से अधिक सवाल पूछें, जवाब देना या ना देना उनका विशेषाधिकार है।  पर उन्हें पता चलना चाहिए कि शिक्षाकर्मी इस बार संविलियन से कम किसी बात पर राजी नहीं होंगे और यदि यह उन्हें नहीं मिला तो फिर वह परिवर्तन के लिए तैयार हैं । इस बात का स्पष्ट संकेत उन तक पहुंच जाए ऐसा प्रयास रहना चाहिए ।

शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रान्तीय संचालक विकास सिंह राजपूत ने कहा कि   छत्तीसगढ़ का बजट बहुत ही लोकलुभावन है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,सहायक,मितानिन,रोजगार सहायक,जिला /जनपद अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व सदस्यो सबका मानदेय बढ़ाने का जो प्रस्ताव किया है बहुत ही स्वागत योग्य कदम है।शिक्षाकर्मियों को शुरू से ही विश्वास था की हमारे सम्बन्ध मे शायद ही कोई घोषणा हो और वो सही साबित हुआ ।कमेटी के निर्णय  के बाद ही कुछ ठोस रिजल्ट शिक्षाकर्मियों के पक्ष मे आ सकता है। कुल मिलाकर शिक्षाकर्मियों के लिए बजट निराशाजनक रहा ।फिर भी अभी विधान सभा सत्र  चल रहा है औऱ  मुख्यमंत्री  से निवेदन है की एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मी 20 वर्षो से इंतजार कर रहे हैं, स्कूल शिक्षा विभाग मे आठ वर्ष के बन्धन को समाप्त कर संविलियन की घोषणा सभी वेतन विसंगति को दूर करते हुए करेंगे।

छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा  के प्रदेश संचालक  संजय शर्मा ने कहा कि     प्रदेश के 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों और उनके परिजनों को प्रदेश के अन्य वर्ग की तरह इस बजट से काफी उम्मीद थी कि शिक्षाकर्मियों के हित में भी कुछ बड़ा निर्णय लिया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जो अत्यंत निराशाजनक है । रही बात कमेटी के निर्णय की तो 5 मार्च तक हम कमेटी के निर्णय का भी इंतजार करेंगे, हमारी कमेटी से अपेक्षा है कि चूंकि बजट में कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेने की बात की गई है। इसलिए शिक्षाकर्मी हित में सही फैसला लिया जाए और 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन मूल शिक्षा विभाग में उनकी पूरी सेवा अवधि की गणना करते हुए की जाए ।

 प्रदीप पांडेय ने कहा कि   आज छत्तीसगढ़ का आम बजट 2018-19 पेश किया गया ।जिसमें शिक्षाकर्मियों के लिए केवल आश्वाशन ही दिया गया यह निराशाजनक है । बजट में मुख्यमंत्री  के द्वारा स्थानीय निकाय के कार्यरत शिक्षक के संबंध में गठित मुख्य सचिव की कमेटी के रिपोर्ट के उपरांत सभी विकल्पों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा कहां गया। स्कूल शिक्षा के लिए 12472 करोड़ का प्रावधान रखा गया है  । किन्तु इसमें शिक्षाकर्मियों के लिए क्या प्रावधान है इसके विषय में कुछ नहीं कहा गया। इस  बजट को देखने के बाद यही कहना चाहूंगा यह बजट शिक्षाकर्मियों के लिए निराशाजनक है।आप सभी शिक्षाकर्मी साथियों से अपील है कि आज 3:30 बजे मुख्य मंत्री रमन सिंह के फेसबुक पेज में लाइव सवाल जरूर पूछे।

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