बायोमेट्रिक क्यों…ड्रोन लगवा दो…टॉवर भी खड़ा कर दो…लेकिन.पहले पगार तो दे दो…हम शिक्षक हैं..कामचोर नहीं…

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—बायोमेट्रिक मशीन को लेकर शिक्षाकर्मियों की नाराजगी बढती ही जा रही है। शिक्षाकर्मियों ने सरकार पर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम हर आदेश मानने को तैयार हैं। संविलियन के बाद सरकार जितना प्रताडित करना चाहे करे…लेकिन इसके पहले स्कूलों की आधारभूत संरचना पर भी नजर डालने का कष्ट तो करे।
                               बायोमेट्रिक मशीन को लेकर शिक्षाकर्मियों समेत उनके नेताओं का आक्रोश दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। संविलियन मामले पर सरकार की चुप्पी को लेकर शिक्षाकर्मी एक बार फिर संगठित होने लगे हैं। संविलियन के पहले सरकार की बायोमेट्रिक अभियान पर नाराजगी सामने आने लगी है। शिक्षाकर्मी नेताओं ने स्कूलों की आधारभूत संरचना को दुरूस्त किए बिना बायोमेट्रिक फरमान को बेतुका बताया है।
            शिक्षक मोर्चा संचालक संजय शर्मा ने कहा कि शिक्षाकर्मी प्रदेश शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं। बावजूद इसके सरकार अभी भी समय पर वेतनमान  भुगतान की व्यवस्था करने में लाचार है। आश्वासन के बाद भी संविलियन को लेकर सरकार की चुप्पी समझ से परे  है। सरकार को पहले शिक्षाकर्मियों की जरूरतो पर ध्यान देने की जरूरत है। संविलियन और आधारभूत संरचना दुर्सत करने के बाद शिक्षा में कसावट आएगी।
                          संजय ने बताया कि शासन की बायोमेट्रिक योजना का शिक्षाकर्मी स्वागत करता है। शिक्षको को इसकी उपयोगिता की अच्छी तरह से जानकारी है। लेकिन प्रदेश के ज्यादातर स्कूलों और क्षेत्रों में नेटवर्क विनहीं है। शालाओ में लैंड लाइन की भी सुविधा नहीं है। आज भी बहुत बड़ा क्षेत्र वाईफाई सुविधा से बहुत दूर है। ऐसे में बायोमेट्रिक की सफलता पर संदेह है।
 
पहले पगार..फिर चाहो ड्रोन लगवा दो

                             शिक्षाकर्मियों में कुछ रोचक चर्चा है कि  सरकार ने पहले शाला का समय बढ़ाया। अब बायोमेट्रिक्स मशीन लगाना के फैसला किया है। अच्छा है…सरकार को लगे कि स्कूलों में मोबाइल टावर खड़ा करना है करे..हमें किसी प्रकार का एतराज नहीं हैं। लेकिन यह सब करने से पहले पिछले दो महीने की पगार तो दे दे। सरकार संविलियन के बाद बायोमेट्रिक्स की जगह ड्रोन कैमरा लगाए हमे कोई एतराज नहीं होगा।

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सभी कर्मचारियों को कास्मास अनिवार्य

शिक्षक संघ नेता  भूपेन्द्र सिंह बनाफर ने कहा कि हम कामचोर नहीं है। हमने इस बात को  हमेशा साबित किया है। हम कास्मास टेबलेट के  भी विरोध नही हैं। हमारा काम  पढ़ाने का है…इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं। बार बार अपमानित करना ठीक नहीं। फिर भी हम अपमानित होने को तैयार हैं लेकिन इसके पहले छतीसगढ़ सरकार सभी शिक्षाकर्मियों को शिक्षको की सुविधाएं तो दे। बीईओ, डीईओ समेत राज्य के सभी नौकरी पेशा वालों पर भी कास्मास अनियावर्य किया जाए। शिक्षाकर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार अनुचित है। सहायक शिक्षक पंचायत कलयाण संघ सरकार के सौतेले व्यवहार का विरोध करता है। हम सरकार से अपील करते हैं कि कास्मास राज्य के सभी कर्मचारियों पर लागू हो।

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