पद्मावत विवाद:करणी सेना का उत्पात,गाड़ियों में लगाई आग,गुरुग्राम में धारा 144 लागू

Shri Mi
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17-Fire_3नईदिल्ली।संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ का विरोध कर रही राजपूत करणी सेना अब सड़कों, मॉल, सिनेमा घरों में उत्पात पर उतर आई है। देशभर के कई हिस्सों में संगठन ने तोड़फोड़ की।गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, ट्रेनें रोक दी, टिकट काउंटर तोड़ डाले, पोस्टर फाड़े। मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। वहीं कई जगहों पर प्रशासन ने मुश्तैदी बढ़ा दी है। फिल्म 25 जनवरी को देशभर में रिलीज होगी।मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद में कई मॉल में फिल्म का विरोध कर रहे लोगों ने आगजनी की। हिमालयन मॉल में उपद्रवियों बाहर खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी।पुलिस के मुताबिक, 30 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मॉल में आगजनी करने वालों की भीड़ में करीब 2 हजार तक लोग शामिल थे।गुजरात में सूरत के पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने कहा कि पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान किए जाने का आश्वासन मिलने के बाद भी सिनेमा मालिकों ने फिल्म रिलीज नहीं करने का फैसला किया है।
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राजपूत करणी सेना के कार्यकताओं ने सिनोमाघरों को फिल्म ‘पद्मावत’ की एडवांस बुकिंग बंद करने पर मजबूर कर दिया है। पटना में करणी सेना के कार्यकर्ताओं के विरोध और धमकी के मद्देनजर सिनेमाघरों ने फिल्म की ऑनलाइन बुकिंग करनी बंद कर दी है।गया जिले में करणी सेना के समर्थकों द्वारा हिंसा फैलाए जाने के भय से सभी सिनेमाघरों के मालिकों ने ‘पद्मावत’ नहीं दिखाने का फैसला किया है। भागलपुर और पूर्णिया जिलों में भी सिनेमाघरों के मालिकों ने फिल्म को नहीं दिखाने का फैसला किया है।पिछले 10 दिनों में राजपूत संगठन के कार्यकताओं ने फिल्म के विरोध में राज्यभर में प्रदर्शन किया है।पुलिस ने कहा कि बीते सप्ताह, मुजफ्फरपुर जिले के एक सिनेमाघर में कुछ कार्यकताओं ने हमला किया था और ‘पद्मावत’ के पोस्टर फाड़ते हुए धमकी दी थी कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो वे सिनेमाघर को आग के हवाले कर देंगे।

‘पद्मावत’ के प्रदर्शन पर रोक लगाए जाने संबंधी मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार की पुनर्विचार याचिका मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद मध्य प्रदेश के कई शहरों में करणी सेना के लोग सड़कों पर उतर आए।राजधानी भोपाल में करणी सेना, राजपूत समाज सहित हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय में डेरा डाल दिया। प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं। इसी तरह ग्वालियर और मुरैना में भी ‘पद्मावत’ के खिलाफ प्रदर्शन जारी है।इंदौर में प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर टायर जलाकर अपना विरोध जताया। उज्जैन में प्रदर्शनकारियों ने आगर रोड पर जाम लगाकर फिल्म का विरोध किया। स्थिति तनावपूर्ण रही। पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।वहीं रतलाम जिले से करणी सेना से जुड़ीं राजपूत समाज की महिलाओं का एक दल राजस्थान के चित्तौड़गढ़ रवाना हुआ। ये महिलाएं वहां प्रदर्शन में शामिल होंगी।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कुछ लोगों ने पोस्टर और भंसाली का पुतला जलाकर विरोध दर्ज कराया। वहीं इलाहाबाद में कुछ सार्वजनिक संपत्तियों को तोड़ने के अलावा एक हॉल के पास खड़ी बस में आग लगा दी गई। इसके अलावा आगरा, हाथरस और राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन देखे गए। लखनऊ में कुछ सिनेमाघरों ने पुलिस सुरक्षा मांगी है लेकिन वे सामने आकर अपनी पहचान बताने के लिए तैयार नहीं हुए।

हरियाणा में पुलिस ने सिनेमाघरों व मल्टीप्लेक्स के आसपास सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया है। कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को देखते हुए गुरुग्राम में पुलिस ने धारा 144 लगा दिया है।प्रदर्शनकारियों की धमकियों के कारण, कुछ सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स के मालिकों ने फिल्म दिखाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

राजधानी दिल्ली में फिल्म वितरक जोगिंदर महाजन ने कहा कि दिल्ली में फिल्म की अग्रिम बुकिंग खुली है जिसे अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।महाजन ने बताया, ‘यहां छोटा सा जोखिम है लेकिन ‘पद्मावत’ के अकेले रिलीज होने के कारण सिनेमाघरों के पास कोई वैकल्पिक योजना नहीं है। कुछ सिंगल स्क्रीन थिएटरों को थोड़ा डर है, लेकिन मल्टीप्लेक्स फिल्म को रिलीज करेंगे।’

आपको बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘पद्मावत’ पर रोक लगाने के राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों के अंतिम प्रयास को खारिज कर दिया और सभी राज्यों को फिल्म रिलीज के रास्ते में न आने के अपने आदेश का पालन करने का साफ शब्दों में निर्देश दिया।प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, ‘लोगों को समझना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित किया है और उसका पालन हर हाल में किया जाना चाहिए।’मिश्रा ने कहा, ‘हमारे आदेश का पालन प्रत्येक व्यक्ति द्वारा किया जाना चाहिए। कुछ सौ लोग सड़कों पर उतरकर प्रतिबंध की मांग करते हुए कानून व्यवस्था को खराब करने के हालात पैदा करते हैं। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।’

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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