बिलासपुर— आम आदमी पार्टी ने आज कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। राज्यपाल और राष्ट्रपति के नाम लिखित शिकायत कर केन्द्र सरकार पर पार्टी के खिलाफ राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया है। आम नेताओं ने पहले नेहरू चौक पर प्रदर्शन किया। इसके बाद रैली की शक्ल में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आप नेताओं ने कहा कि देश के कमोबेश सभी राज्यों में संसदीय सचिव की नियुक्ति हुई है। लेकिन चुनाव आयोग ने केवल दिल्ली सरकार को निशाना बनाया। इससे जाहिर होता है कि चुनाव आयोग ने केन्द्र सरकार के निर्देश पर जल्दबाजी में दिल्ली के 20 संसदीय सचिवों के खिलाफ जल्दबाजी में निर्णय लिया है।
आम आदमी पार्टी बिलासपुर इकाई ने आज नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन किया। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आप नेताओं ने जिला प्रशासन को राज्यपाल और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर केन्द्र सरकार पर राजनीतिक साजिश करने का आरोप लगाया।
आप नेता जसबीर ने बताया कि चुनाव आयोग केन्द्र सरकार के इशारे पर कुछ ज्यादा ही जल्दबाजी में दिल्ली सरकार के 20 विधायकों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया। राष्ट्रपति महोपदय ने नैसर्गिक न्याय पालन नहीं किया। एक तरफा कार्रवाई में 20 विधायकों के खिलाफ कदम उठाया गया। जसबीर ने बताया कि 20 विधायकों की बर्खास्तगी के बाद भी दिल्ली सरकार बहुमत में है। इससे सरकार पर कुछ असर नहीं पड़ने वाला है। दिल्ली का विकास कार्य जरूर प्रभावित होगा। आप लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी 11 संसदीय सचिव हैं। उनकी नियुक्ति को चुनाव आयोग ने गंभीरता से नहीं लिया है। देश के अन्य राज्यों में भी संसदीय सचिव हैं। अभी तक कार्रवाई नहीं की गयी है। इससे जाहिर होता है कि मोदी सरकार दिल्ली की आप सरकार से घबरा गयी है। बावजूद इसके हम झुकने वाले नहीं हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लडते रहे हैं और लड़ते रहेंगे।
आप नेत्री प्रियंका ने बताया कि अरूणाचल से लेकर गुजरात तक…हरियाणा पंजाब से लेकर दक्षित भारत के राज्यों तक संसदीय सचिवों की नियुक्ति हुई है। लेकिन चुनाव आयोग को केवल दिल्ली में ही संसदीय सचिव ही दिखाई दिये। मध्यप्रदेश में संसदीय सचिवों की संख्या 100 के पार है। देश के अन्य राज्यों में भी कमोबेश संसदीय सचिवों की भरमार है। बावजूद इसके राज्यों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जा रहा है। प्रश्न है कि क्या चुनाव आयोग और केन्द्र सरकार शीला दीक्षित के समय संसदीय सचिवों के खिलाफ कदम उठाएगी। शायद नहीं क्योंकि केन्द्र को दिल्ली सरकार से खतरा है। इसलिए चुनाव आयोग का उपयोग किया गया है।
प्रियंका ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 11 संसदीय सचिवों को भी बर्खास्त किया जाना चाहिए। देश का कानून एक है। फिर यहां के संसदीय सचिव मलाई क्यों खा रहे हैं। जबकि दिल्ली में संसदीय सचिवों को ना तो गाड़ी दी गयी है और ना ही अतिरिक्त वेतन भुगतान किया गया। लाभ नहीं लिए जानेे के बाद भी उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। हम लोग चुप नहीं बैठेंगे। यह सच है कि मामला कोर्ट में लेकिन जनता की आवाज कोर्ट से कहीं ऊपर है। इसलिए चुनाव आयोग से मांग करते हैं कि छत्तीसगढ़ के 11 संसदीय सचिवों को भी बर्खास्त किया जाए। देश के अन्य राज्यों में नियुक्त संसदीय सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। हम लोग न्याय नहीं मिलने तक संघर्ष करेंगे। धरना करेंगे…जरूरत पड़ी तो उग्र आंदोलन भी करेंगे।