12–3 = 9 सांसदों ने मारा बंक…अकेले लखन ने संभाला मोर्चा…रोना रोने वाले सांसदों ने भेजा प्रतिनिधि

BHASKAR MISHRA
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IMG-20180116-WA0048 बिलासपुर— हमेशा की तरह इस बार भी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन डीआरयूसीसी की बैठक औपचारिक बनकर रह गयी। हमेशा की तरह इस बार भी बैठक में सांसदों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। 12 में से मात्र तीन सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया। बाकी सांसद हमेशा की तरह या तो प्रतिनिधियों को भेजकर जिम्मेदार का निर्वहन किया। या फिर प्रतिनिधि भी भेजना गंवारा नहीं समझा। बहरहाल अनुपस्थित सांसदों के प्रतिनिधियों ने नास्ता पानी का जमकर लुत्फ उठाया। लेकिन लखनलाल साहू ने ना केवल मोर्चा संभाला बल्कि बिलासपुर की मांगों को मजबूती के साथ जीएम के सामने रखा।

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                      रेल बजट आम बजट के साथ पेश किया जाना है। संसद में बजट पेश होने से पहले बिलासपुर रेलवे प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों को जोन रेल सुविधाओं और विकास को लेकर डीआरयूसीसी बैठक बुलाया। हमेशा की तरह इस बार भी जनप्रतिनिधियों ने बैठक को गंभीरता नहीं लिया। इस बार भी बिलासपुर सांसद लखनलाल साहू ने मजबूती के साथ मोर्चा संभाला। बैठक में शामिल अनुपस्थित सांसदों के कुछ प्रतिनिधियों ने तो मुंह भी नहीं खोला। कुछ सांसदों के प्रतिनिधि तो बैठक में आए ही नहीं। जो आए भी उन्होने नास्ता पानी लेने के बाद बिना मुंह खोले घर लौटना उचित समझा।

बजट से पहले डीआरयूसीसी की महत्वपूर्ण बैठक में 12 में से 9 सांसदों ने बंक मारा। केवल 3 सांसदों ने ही बैठक में हिस्सा लिया। इनमें कोरबा सांसद डॉ. बंशीलाल महतो, शहडोल सांसद ज्ञान सिंह परस्ते के अलावा सांसद लखनलाल साहू प्रमुख हैं। हर बार की तरह इस बार भी बिलासपुर सांसद लखनलाल साहू ने अकेले ही मोर्चा संभाला। सीपीआरओ डॉ. पी.सी.त्रिपाठी ने बताया कि बैठक में समय से पहले जोन के सभी 12 सांसदों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन बैठक में तीन सांसद ही पहुंचे। बाकी सांसदों के प्रतिनिधियों ने बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने जोन के विकास और सुविधाओं को लेकर अपनी बातों को रखा।

 सुविधाओं की मांग करने वाले बैठक को लेकर गंभीर नहीं              IMG-20180116-WA0045

             बजट पेश होने के पहले डीआरयूसीसी की बैठक को महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की रेलवे संबधित समस्याओँ को रखते हैं। नई गाड़ियों की मांग करते हैं। स्टेशनों और यात्रियों की सुविधाओं को लेकर चर्चा करते हैं। जनप्रतिनिधियों की मांग को जीएम रेल मंत्रालय को भेजता है। बावजूद इसके इस बार भी जनप्रतिनिधियों ने हमेशा की तरह बैठक को गंभीरता से नहीं लिया। जबकि यही लोग सालभर रेल सुविधाओं को लेकर राग अलापते हैं।

लखनलाल ने संभाला मोर्चा

                    तमाम सांसदों की अनुपस्थिति के बीच सांसद लखनलाल साहू ने जीएम के सामने मांगो और सुविधाओं की फेहरिस्त गिनाया। सांसद साहू ने बिल्हा, चकरभाठा और दगौरी स्टेशन को बिलासपुर में शामिल किए जाने को कहा। छत्तीसगढ़ सम्पर्क क्रांति को प्रतिदिन चलाने को कहा। बिलासपुर से इंदौर के लिए नई ट्रेन की मांग को सामने रखा। बिलासपुर से जबलपुर, कोरबा से दुर्ग, बीच इंंटरसिटी ट्रेन की भी मांग की । बिलासपुर से जगन्नाथपुरी के लिए अतिरिक्त एक्सप्रेस ट्रेन की जरूरत को गिनाया।  उस्लापुर स्टेशन को डी से बी ग्रेड देने को कहा। विशाखापत्तनम-अमृतसर हीराकुंड एक्सप्रेस को नियमित चलाने पर जोर दिया। दुर्ग-अम्बिकापुर को बेलगहना में स्टापेज दिए जाने की वकालत की।   सांसद ने बिल्हा स्टेशन में अलग से लोडिंग पाइंट बनाने को कहा। इसके अलावा चकरभाटा स्टेशन अपग्रेड करने को कहा।

                इस दौरान कोरबा सांसद डॉ.बंशीलाल साहू और शहडोल सांसद ज्ञान सिंह परस्ते ने भी अपने अपने क्षेत्रों की मांगों को जीएम स्वाइन के सामने रखा।

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