रायपुर—जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बस्तर अंचल में आदिवासियों के खिलाफ पुलिसिया आत्याचार पर चिंता जाहिर की है। जोगी ने बताया कि सीआरपीएफ अधिकारी आदिवासियों का भयादोहन कर रहे हैं। शिकायत करने वाले के साथ मारपीट और फर्जी नक्सल मुठभेड़ बताकर गोली मारने की धमकी देते हैं। चिन्ता जाहिर करते हुए अजीत जोगी ने कहा है कि जब तक सरकार आदिवासी अंचलों में रहने वालों के बीच विश्वास की भावना नहीं निभायेगी तब तक नक्सलवाद को खत्म करना दिवास्वप्न ही है।
प्रेस नोट जारी कर अजीत जोगी ने कहा है कि दुखद पहलू है कि आदिवासी समाज सीआरपीएफ जवानों की दुर्व्यवहार की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देते हैं। बावजूद इसके आदिवासियों के प्रति सहानुभूति नही दिखाते हुये कर्मियों का साथ दिया जाता है। केन्द्र और राज्य सरकार बीजापुर क्षेत्र में हुये सामूहिक यौन उत्पीड़न के लिए सीआरपीएफ कर्मियों को दोषी पाया है। बावजूद इसके इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही नहीं हुई। जिसके कारण सीआरपीएफ कर्मियों के हौसले बुलंद हैं। लगातार इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने बाज नहीं आ रहे हैं।
जोगी ने बताया कि बस्तर अंचल की समाज सेविका सोनी सोरी के भतीजे लिंगाराम कोडोपी के साथ सीआरपीएफ बटालियन के कर्मियों ने 14 जनवरी 2018 की रात मारपीट की। जान से मारने की धमकी भी दी। इससे जाहिर होता है कि सीआरपीएफ के जवान अब नक्सलियों के जगह सीधे.साधे निरीह आदिवासियों को निशाना बना रहे हैं। बस्तर अंचल में लगातार हो रही इस तरह की घटना से आदिवासी समाज बेहद डरा हुआ है। यही कारण है कि अब आदिवासी समाज सुरक्षा के लिये नक्सलियों से मदद लेने को मजबूर हैं।
जोगी ने कहा कि नक्सलवाद पूरे बस्तर क्षेत्र में नासूर की तरह फैल रहा है। राज्य सरकार नक्सलवाद की बढ़ती घटनाओं को नक्सल उन्मूलन केन्द्रीय फंड पाने के रही है। सरकार ने गंभीर प्रयास नहीं किया तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है।