नईदिल्ली।भारत की जबरदस्त मेहमाननवाजी से अभिभूत इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दोनों देशों के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आज नेतन्याहू और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई, जिसमें रक्षा, सायबर सुरक्षा, एनर्जी और ऑयल, कृषि और अंतरिक्ष समेत अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर कुल 9 समझौते हुए।इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश सचिव एस जयशंकर और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थी। इसके बाद दोनों नेताओं ने प्रेस को संबोधित किया, जिसमें एक-दूसरे की तारीफ करते नजर आए।मोदी ने जहां इस दौरान नेतन्याहू को अपना दोस्त बताते हुए भारत में इजरायली कंपनियों को निवेश करने का न्यौता दिया तो वहीं नेतन्याहू ने मोदी को क्रांतिकारी नेता बता डाला।
मोदी ने इजरायल की रक्षा कंपनियों से भारत में मौजूद माहौल का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘रक्षा के क्षेत्र में मैंने इजरायली कंपनियों को मुक्त एफडीआई वाले माहौल में हमारी कंपनियों के साथ मिलकर फायदा उठाने की अपील की है।’उन्होंने कहा कि हम आम लोगों की जिंदगी को प्रभावित करने वाले कृषि, विज्ञान, तकनीक और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयगो को मजबूत करते रहेंगे।इसके बाद नेतन्याहू ने भारत की जबरदस्त आगवानी के लिए मोदी का शुक्रिया अदा किया।
With my good friend @narendramodi at the presidential palace in India pic.twitter.com/cTpsZv7uX2
— Benjamin Netanyahu (@netanyahu) January 15, 2018
मोदी को क्रांतिकारी नेता बताते हुए नेतन्याहू ने कहा कि उनके नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी क्रांतिकारी नेता है और वह भारत को क्रांति की तरफ ले जा रहे हैं।’नेतन्याहू ने कहा, ‘आपका इजरायल दौरा वाकई में युगांतकारी था और यह पहली बार था जब किसी भारतीय नेता ने इजरायल का दौरा किया हो।’उन्होंने कहा कि मोदी के इजरायल दौरे से सभी इजरायली और भारतीय मूल के इजरायली काफी रोमांचित थे। नेतन्याहू ने कहा, ‘ऐसा लग रहा था कि कोई रॉक कंसर्ट चल रहा है। लेकिन यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम था।’
नेतन्याहू ने इस दौरान दुनिया के अन्य देशों में यहूदियों को उनकी पहचान की वजह से सताए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत में किसी यहूदी के साथ ऐसा नहीं हुआ।इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत में यहूदियों के साथ अन्य देशों की तरह उत्पीड़न नहीं हुआ और इसका श्रेय भारत की महान सभ्यता, सहिष्णुता और लोकतंत्र को जाता है।’