बिलासपुर—निगम नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेताओं ने सभापति से विशेष सम्मेलन बुलाने की मांग की है। शेख नजरूद्दीन ने बताया कि किसी आपात या विशेष परिस्थितियों में सभापति,महापौर या फिर निगम आयुक्त नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 30 के तहत पार्षदों की मांग पर विशेष सम्मेलन बुला सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष नजरूद्दीन ने निगम प्रशासन को आवेदन देने के बाद बताया कि निगम सरकार की लापरवाही से शहर शर्मसार हुआ है। जनता को प्रदूषित जल पीने को मजबूर होना पड़ा है। हाईकोर्ट ने मामले को लेकर फटकारा भी है। ऐसे में विशेष सम्मेलन बुलाकर मामले में बहस करने की सख्त जरूरत है।
निगम नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्षदों ने निगम सभापति को आवेदन देकर विशेष सम्मेलन बुलाने को कहा है। कांग्रेस पार्षद दल के प्रवक्ता ने बताया कि आपात स्थिति, या किसी विशेष परिस्थितियोंं में सभापति, महापौर,निगम आयुक्त पार्षदों की मांग पर नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 30 के तहत विशेष सम्मेलन बुला सकते हैं।
कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता शैलेन्द्र ने बताया कि शहर की जनता की जिन्दगी खतरे में है। ई.कोलाई वैक्टारिया से दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा है कि जब जनता की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने में निगम नाकाम साबित हुआ है। ऐसी परिस्थितियों में संस्था को भंग कर देना चाहिए। हाईकोर्ट की फटकार से निगम प्रशासन ने बिलासपुर की जनता को शर्मसार किया है।
शैलेन्द्र ने बताया कि शहर की पेयजल व्यवस्था बुरी तरह चरमरा चुकी है। नालियों का गंदा पानी पाइप लाइन से लोगों के घर तक पहुंच रहा है। दूषित पानी पीने से लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। बावजूद इसके निगम प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। पेयजल शहर की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। ज्वलंत मुद्दे पर बहस की सख्त जरूरत है। इसलिए कांग्रेस पार्षदों ने सभापति से विशेष सम्मेलन बुलाए जाने की मांग की है।