एरियर्स आदेश निरस्त के बाद शिक्षाकर्मियों में नाराजगी…नेताओं ने पूछा …शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों

BHASKAR MISHRA
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AMIT NAMDEVबिलासपुर— शिक्षाकर्मियो की नाराजगी शांत होने का नाम नहीं ले रही है। शिक्षक मोर्चा नेता अमित नामदेव ने  बताया कि कमोबेश सभी विकासखण्डों में शिक्षाकर्मियों के लाखों रूपए समयमान एरियर्स और आठ साल पूरे हो चुके हैं। जिनका भुगतान आज तक नहीं किया गया है। सोचने वाली बात है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी आज तक पांच तारीख के भीतर शिक्षाकर्मियों का वेतन नहीं मिला…एरियर्स भुगतान की बात तो कोसो दूर है। अमित ने बताया कि दिसम्बर महीने का वेतन अभी तक नहींं मिला है।

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                    शिक्षक मोर्चा नेता अमित ने बताया कि संचालक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने तीन दिन पहले जारी आदेश को पलट दिया है। शिक्षाकर्मियों में भारी नाराजगी है। संचालक ने पुराने आदेश को निरस्त कर शिक्षक पंचायत संवर्ग को एरियर्स राशि भुगतान करने से मना कर दिया है। नवीन शिक्षाकर्मी संघ प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अमित कुमार नामदेव ने कड़ी  प्रतिक्रिया दी है। नामदेव ने बताया सात साल पूरे कर चुके शिक्षक पंचायत संवर्ग को शासन ने समयमान वेतनमान देने का आदेश जारी किया है। लेकिन आज आदेश पर अमल नहीं किया गया। तीन सात बीत जाने के बाद भी हजारो शिक्षक पंचायत संवर्ग को समयमान वेतनमान का लंबित एरियर्स नहीं दिया गया।

                                  नामदेव ने बताया कि लगभग प्रदेश के सभी विकास खंडो में शिक्षाकर्मियों के लाखों रुपए समयमान एरियर्स और आठ वर्ष पूरे हो चुके हैं। एरियर्स की राशि बची हुई है..भुगतान सालो से लटका हुआ है।

                अमित ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक महीने की पांच तारीख के अन्दर शिक्षाकर्मियों को वेतन दिया जाएगा। लेकिन आज तक इस आदेश का पालन नहीं किया गया। दिसम्बर महीने का भुगतान तो अभी तक नहीं हुआ है। जब वेतन देने के लिए रूपए ही है तो सरकार शिक्षक पंचायत संवर्ग को एरियर्स कहां से देगी। नामदेव ने बताया कि केवल शिक्षाकर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार समझ से परे हैं।  पत्र जारी होने के दिन के अन्दर निरस्त आदेश का जारी होना साबित करता है कि सरकार शिक्षाकर्मियों के साथ अन्याय करने से बाज नहीं आ रही है।

               अमित ने बताया कि इसके पहले भी वेतन और अन्य भुकतान संबंधी आदेश आते रहे हैं। लेकिन सभी का नातीजा सिफर ही निकला है। आज शिक्षा कर्मियों के साथ एक बार फिर सौतेला व्यवहार किया गया है।सरकार जल्द से जल्द शिक्षाकर्मियों के लंबित देयकों का भुगतान करे।

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