डॉक्टर उत्कृष्ट चिकित्सक के साथ-साथ उत्कृष्ट इंसान भी बनें-डॉ. रमन,एम्स में शुरू होगी सेन्टर फॉर इंटीग्रेटेड मेडीसिन

Shri Mi
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Cm raman singh,ajay chandrakar

रायपुर।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने अपने दीक्षांत भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर स्वास्थ्य में ‘समग्र दृष्टिकोण’ अपनाया जा रहा है। साथ ही बीमारी के रोकथाम के समुचित उपाय के लिए प्रिवेंटीव और प्रमोटिव हेल्थ केयर पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के प्रयासों से आज देश की पुरातन विद्या योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। उन्होंने बताया कि परम्परागत और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को एकीकृत करने के लिए एम्स में सेन्टर फॉर इंटीग्रेटेड मेडीसिन शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि एक चिकित्सा छात्र पर सरकार बहुत बड़ी राशि खर्च करती है। यह राशि नागरिकोें के टैक्स से आती है, इसलिए चिकित्सा छात्र का दायित्व बनता है कि वे समय आने पर समाज की सेवा करे। उन्होंने कहा कि आम नागरिक चिकित्सक को भगवान मानता है, उस विश्वास को चिकित्सक बनाए रखें। चिकित्सक सिर्फ बीमारी ही नहीं, बीमार व्यक्ति का भी इलाज करें, उन्हें परीक्षण और उचित परामर्श भी दें। नड्डा ने कहा कि सरकार पूरे देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए सजग है, और गरीब आदमी को हर प्रकार की राहत देने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके तहत देश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को कल्याण केन्द्र (वेलनेस सेन्टर) के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन केन्द्रों में 30 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों का डायबिटीज, कैंसर, हाईपर टेंशन आदि बीमारियों के स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधा के लिए जो भी मांग आयेगी उन सभी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

             
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मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने डॉक्टर की उपाधि लेने वाले डॉक्टरों से कहा कि वे आज समाज सेवा का भी संकल्प लें और उत्कृष्ट चिकित्सक के साथ-साथ उत्कृष्ट इंसान भी बनकर दिखाएं, यही आपकी असली परीक्षा होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पिछले 15 वर्षों से लगातार पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा बताए गए अंत्योदय के सपने और उनके आदर्शों के अनुरूप समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य राज्य सरकार की प्रारंभ से ही प्राथमिकता में रहा है। स्वास्थ्य का बजट, राज्य निर्माण के समय लगभग साढ़े तीन सौ करोड़ था, जो अब बढ़कर लगभग साढ़े चार हजार करोड़ हो गया है। राज्य में मेडिकल कॉलेज की संख्या 01 से बढ़कर 09 हो गई है। मेडिकल की सीटों की संख्या 100 से बढ़कर 1100 हो गई है। इसी प्रकार अन्य चिकित्सा संस्थानों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। डॉ. सिंह ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे. पी. नड्डा का राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए हरसंभव मदद करने हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन द्वारा पूरे देश से चिकित्सकों का चयन कर उन्हें विशेष पैकेज देकर दूरस्थ क्षेत्रों में पदस्थ किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप बीजापुर और सुकमा जैसे जिलों में उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधाएं मिल रही है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री  अजय चन्द्राकर ने चिकित्सकों से कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की ‘मानव एकात्मवाद’ की परिकल्पना को ध्यान में रखकर गरीबों एवं वंचितों की सेवा करें। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले 14 वर्षों में अखिल भारतीय स्तर की अनेक संस्थाएं स्थापित हुई हैं। इसका लाभ आम जनता को मिल रहा है। इसके साथ ही प्रदेश को कुशल मानव संसाधन भी प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के अनेक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है।

दीक्षांत समारोह में 26 विद्यार्थियों को 38 गोल्ड मेडल और 182 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर उपाधि प्रदान की गई। केन्द्रीय मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने इस अवसर पर 15 एंबुलेंस का लोकार्पण भी किया, इनमें से 08 एंबुलेंस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के लिए और 09 एंबुलेंस डी.के.एस. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर रायपुर के लिए हैं। समारोह के प्रारंभ में प्रदेश के प्रतिष्ठित चार चिकित्सकों पद्मश्री से सम्मानित डॉ. ए. के. दाबके, डॉ. एम. पी. पाण्डेय, डॉ. एस. आर. गुप्ता एवं डॉ. आई. एम. सेठी का सम्मान किया गया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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