रायपुर।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अजय चन्द्राकर ने शुक्रवार को ‘तंबाकू निषेध’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया।अजय चन्द्राकर ने शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम जैसे स्वास्थ्यगत कार्यक्रमों में जागरूकता बेहतर उपाय है। जनस्वास्थ्य के लिए आयोजित ऐसे कार्यक्रम भागवत कार्य संपादित करने के समान है। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधित कार्यक्रमों के लिए निरंतर जागरूकता अभियान पर बल दिया।मंत्री चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भौगोलिक दशा, यहां की जलवायु, संस्कृति और परंपरा के अनुरूप स्वास्थ्य कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है, उसके बाद भी प्रदेश में तम्बाकू उपयोग प्रतिशत में 10 से 12 प्रतिशत की गिरावट सघन जन-जागरूकता अभियान के कारण ही संभव हो पाया है। यह हम सबके लिए खुशी का विषय है। इसके लिए विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बधाई के पात्र है।
यह राज्य सरकर द्वारा लोंगो के स्वास्थ्य के लिए बेहतर नीति का परिणाम है। उन्हांेने बताया कि प्रदेश सरकार लोंगो के स्वास्थ्य की दृष्टि से पहले ही तम्बाकू से बने गुटखा, पान-मशाला विक्रय पर प्रतिबंध लगा रखा है। तम्बाकू युक्त गुटखा आदि बेचने वालों पर समय-समय में अभियान चलाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। उन्हांेने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से जनहित में जो निष्कर्ष आएगी उस पर विचार कर कार्य निष्पादित करेंगे। इससे हम सबकी भागीदारी से कार्य करने मे मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुब्रत साहू ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। श्री साहू ने कहा कि
वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण के रिपोर्ट में देखा जाए तो काफी उपलब्धियां हासिल हुई है। स्वास्थ्य मंत्री के मार्गदर्शन में संचालित जन जागरूकता के कारण तम्बाकू उपयोग चाहे वह धुम्रपान हो अथवा धुम्र रहित उत्पाद हो कमी आई है, जो प्रदेश के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि नये लोग तम्बाकू सेवन से दूर हैं, यह अच्छी बात है, लेकिन पुराने लोग जो तम्बाकू नहीं छोड़ पा रहे हैं, उनके लिए और काम करने की जरूरत हैं।