ट्रीटमेन्ट प्लान्ट लोकार्पण का विरोध…कांग्रेस नेता शैलेन्द्र ने पूछा…बिना पम्प हाउस कैसे होगा काम…जल्दबाजी क्यों

BHASKAR MISHRA
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 IMG-20180102-WA0034बिलासपुर—दो मुहानी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लोकार्पण समारोह का कांग्रेसियों ने विरोध किया है। कांग्रेसियों का आरोप है कि सीवरेज का काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है। आखिर लोकार्पण की इतनी जल्दबाजी क्यों। यह जानते हुए भी कुछ साल पहले सरकण्डा में आधे अधूरे सिवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट के  लोकार्पण के बाद क्या हश्र हुआ।कांग्रेस नेता शैलेन्द्र ने बताया कि  13 अप्रैल2013 को सरकंडा जोन2 का सिवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट का लोकार्पण मुख्यमंत्री ने किया था। तात्कालीन समय 2700 घरों को सिवरेज से जोड़ा गया था। लेकिन प्लान्ट के उद्घाटन के कुछ दिनों  बाद ही लोगो ने अपने घरों से सिवरेज का कनेक्शन काट दिया। लोगों की शिकायत थी कि सीवरेज का पानी आगे  बढ़ने की वजाय लोगों के घरों में घुस रहा है।
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IMG-20180102-WA0035शैलेन्द्र ने बताया कि सरकंडा जोन-2 का ट्रीटमेंट प्लांट चिल्हाटी में है। प्लांट की क्षमता 17 MLD है। जबकि प्लान्ट में मात्र एक MLD पानी ही पहुंच रहा है। पानी सीवरेज से नहीं बल्कि नालियों से पहुंच रहा है। शैलेन्द्र के अनुसार चिल्हाटी प्लांट के ऑपरेशन में जिओ मिलर को सालाना 90 लाख दिए जा रहे हैं। दोमुहानी प्लांट के लिए सालाना 2 करोड़ जिओ मिलर को दिया जाएगा। जबकि नगर निगम ने अभी यूजर चार्ज लेना शुरू भी नहीं किया है। इस तरह सालाना  लगभग 3 करोड़ का वित्तीय भार नगर निगम प्रशासन पर आएगा।

शैलेन्द्र ने बताया कि निगम के पास वेतन देने के लिए रूपए नहीं है। फिर जिओ मिलर को इतनी बड़ी धनराशि कहाँ से दी जायेगी। इस समय चिल्हाटी प्लांट का काम मात्र एक इंजीनियर और 4 स्टाफ के सहारे  चल रहा है। इंजीनियर को मात्र 15000 और स्टाफ को 5000 दिया जा रहा है। इस तरह पूरे स्टाफ को महीने में कुल 35000 का भुगतान होता है। जबकि इस काम के लिए साढ़े सात लाख रूपए मासिक भुगतान किया जा रहा है। आखिर यह पैसा जा कहां रहा है।

शैलेन्द्र के अनुसार दोमुहानी के लिए 2 करोड़ सालाना दिये जायेंगे। जाहिर सी बात है कि यहां भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। अभी जोन एक में 40000 घरों को जोड़ा जाना है। जबकि अभी तक सीवरेज का पूरा नहीं हुआ है। काम पूरा होने में कम से कम एक साल लग जाएगा। शैलेन्द्र ने बताया कि अभी  शनिचरी मे पंप हाउस बनना है। विद्या नगर ,विनोबा नगर तालापारा बस स्टैंड समेत लगभग आधे शहर का पानी आना है। यहां 20000 घरों को जोडा जाना है।यह जानते हुए भी कि पंप हाउस जमीन अधिग्रहण का मामला हाइकोर्ट में है। जब तक पंप हाउस का निर्माण नहीं हो जाता है तब तक सीवरेज परियोजना अधूरी है।

शैलेन्द्र ने बताया कि  जोन एक में अभी भी 15000 प्रोपेर्टी चैंबर का काम बाकी है। 200 किलोमीटर पाइप लाइन के हाइड्रोलिक टेस्टिंग  का काम नहींं हुआ है। 10 सालों में डाली गई पाइप लाइन जगह जगह जाम हो चुकी है। जिसकी सफाई अब नामुमकिन है। 200 किलोमीटर पाइप लाइन में 150 किलोमीटर पाइप लाइन 6 इंच की डाली गयी है। 20 से 25 फ़ीट नीचे डाली गई पाइप लाइन जाम हो चुकी है। इससे परियोजना के अस्तित्व पर सवाल उठना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

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