नईदिल्ली।200 साल पुराने एक युद्ध की वर्षगांठ पर दलितों और मराठाओं के बीच संग्राम छिड़ा है। पुणे समेत महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में हिंसा की आग फैली हुई है। इस आग में सियासी गलियारों में रोटियां सिकनी शुरू हो गई हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कोरेगांव हिंसा बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की फासीवादी विचारधारा का प्रतीक है। उन्होंने ट्वीट में लिखा- आरएसएस और बीजेपी की फासीवादी विचाराधारा यही चाहती है कि दलित भारतीय समजा की तलहटी में ही रहें। ऊना, रोहित बेमुला और अब भीम-कोरेगांव प्रतिरोध के प्रतीक हैं।
1 जनवरी 1818 के दिन ब्रिटिश इंडिया और पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेनाओं के बीच भीम कोरेगांव में युद्ध हुआ था, जिसमें पेशवा ब्रिटिश इंडिया की सेना से हार गए थे। ब्रिटिश इंडिया की फौज में बड़ी तादात में दलित भी शामिल थे। इस युद्ध के 200 साल पूरे होने पर सोमवार को कार्यक्रम रखा गया था। कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग पहुंचे और दो गुटों मे बंटे लोगों में भयंकर झड़प हो गई। दोनों ओर से पत्थर चले।
A central pillar of the RSS/BJP’s fascist vision for India is that Dalits should remain at the bottom of Indian society. Una, Rohith Vemula and now Bhima-Koregaon are potent symbols of the resistance.
— Office of RG (@OfficeOfRG) January 2, 2018