पद्मावती के रिलीज का रास्ता साफ,बदलेगा फिल्म का नाम

Shri Mi
3 Min Read

cfa_index_1_jpg50-padmavati_5नईदिल्ली।बॉलीवुड फिल्म पद्मावती को लेकर देश भर में हुए बवाल के बाद फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के लिए राहत वाली खबर मिली है। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को देखने के लिए यूए सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है। बोर्ड ने फिल्म में कुछ बदलाव के सुझाव दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, इसमें फिल्म का नाम बदलकर पद्मावत करने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा, यह डिस्क्लेमर दिखाना होगा कि यह फिल्म सती प्रथा को बढ़ावा नहीं देती। इसके अलावा, इस बात का सुझाव दिए जाने की भी खबर है कि मशहूर घूमर डांस में भी बदलाव करना होगा। नए गाने में दीपिका को नहीं दिखाया जाएगा। इन बदलावों के बाद ही सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। माना जा रहा है कि भंसाली इन सुझावों को मानने के लिए तैयार हो गए हैं।सेंसर बोर्ड की ओर से कहा गया है कि फिल्ममेकरों और समाज, दोनों की तरफ संतुलित नजरिया रखते हुए फिल्म देखी गई। फिल्म को लेकर जो चिंताएं जताई गई थीं, उसके मद्देनजर ही सेंसर बोर्ड ने अलग से पैनल के बारे में विचार किया। इस पैनल में उदयपुर के अरविंद सिंह के अलावा जयपुर यूनिवर्सिटी के डॉ चंद्रमणि सिंह और प्रोफेसर केके सिंह शामिल थे। पैनल सदस्यों को कुछ ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर आपत्ति थी। इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा किया गया।

Join Our WhatsApp Group Join Now

बता दें कि इस फिल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती का रोल निभा रही हैं, तो वहीं रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका में हैं और शाहिद कपूर महारावल रतन सिंह बने हैं। पिछले साल जब संजय लीला भंसाली ने पद्मावती पर फिल्म बनाने की घोषणा की थी तभी से यह बहुप्रतीक्षित फिल्म बन गई थी। इसके बाद जैसे ही फिल्म की रिलीज डेट नजदीक आती गई इसे लेकर विरोध तेज होते गए। विरोध इतने तेज हुए कि इसने राजनीतिक मामले का रूप ले लिया।बहुत से संगठनों ने फिल्म पर बैन लगाने की घोषणा की।

फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होने वाली थी लेकिन विरोध की वजह से निर्माताओं ने इसकी तारीख आगे खिसका ली। इसके बाद रिपोर्ट आई थी कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड दो बार इसे वापस कर चुका है। करणी सेना ने इस फिल्म का विरोध करते हुए दावा किया था कि इसमें ऐतिहासित तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close