नईदिल्ली।सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पांच सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक के पुराने चेक 31 दिसंबर तक ही वैध रहेंगे। इसके बाद 1 जवनरी से उनके चेक अमान्य हो जाएंगे। एसबीआई के सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और स्टेट बैंक ऑफ ट्रावनकोर शामिल है। इनका विलय इसी साल अप्रैल में भारतीय स्टेट बैंक में कर दिया गया था। इनके अलावा भारतीय महिला बैंक का भी एसबीआई में विलय कर दिया गया था। 1 अप्रैल 2017 को विलय के बाद एसबीआई ने पुराने चेकबुक को 30 सितंबर तक ही वैध करार दिया था लेकिन रिजर्व बैंक ने इस मियाद को बढ़ाकर 31 दिसंबर,2017 कर दिया था। इससे पहले एसबीआई करीब 1300 बैंक शाखाओं का आईएफएससी कोड भी बदल चुका है।
एसबीआई से नया चेकबुक हासिल करने के लिए ग्राहकों को बैंक शाखाओं में जाकर या एटीएम में जाकर या मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए अनुरोध करना होगा। ग्राहक नीचे दिए तरीकों से भी घर बैठे चेकबुक हासिल कर सकते हैं।इंटरनेट बैंकिंग यूजर्स जान लें कि एसबीआई की वेबसाइट एड्रेस बदल गई है। बैंकों के विलय के बाद अब एसबीआई यूजर इस एड्रेस पर क्लिक करें। https://www.onlinesbi.com/
अगर आप विलय किए गए पुराने पांच बैंकों के ग्राहक हैं तो घबराएं नहीं। आपको पुराने लॉग इन आईडी और पासवर्ड का ही इस्तेमाल करना होगा। इस नई वेबसाइट पर भी आप पुराने यूजर आईडी के जरिए बैंकिंग काम निपटा सकते हैं। अगर आपका आईडी या पासवर्ड काम नहीं कर रहा है तो इसकी शिकायत एसबीआई से करें।विलय के बाद आपको फिर से मोबाइल नंबर रजिस्टर करने की जरूरत नहीं है। थर्ड पार्टी बेनिफिशरी की लिस्ट भी पहले के अनुसार बरकरार रहेंगे।
हालांकि, ग्राहकों को एसबीआई की नई वेबसाइट पर अपनी-अपनी मेल आईडी रजिस्टर करानी होगी।NEFT और RTGS चार्जेज में फेरबदल किया गया है। IMPS के जरिए पैसे ट्रांसफर करने पर भी बैंक चार्ज वसील करेगा। एसबीआई के आधिकारिक बयान के मुताबिक विलय किए गए सहयोगी बैंकों की नेट बैंकिंग के फीचर्स और एसबीआई के फीचर्स मिलते-जुलते हैं। इसलिए वहां सारी सुविधाएं पहले की ही तरह उपलब्ध होंगी।एसबीआई और पुराने सहयोगी बैंकों के बीच फंड ट्रांसफर करने के लिए ग्राहकों को पेमेंट/ट्रांसफर टैब के तहत इन्ट्रा बैंक ऑप्शन सेलेक्ट करना अनिवार्य होगा।