विस्थापित गुमटी वालों का आरोप..निगम ने हाईकोर्ट को किया गुमराह…अभी तक नहीं मिली जमीन

BHASKAR MISHRA
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बिलाVIKAS BHAWANसपुर—सिटी कोतवाली से विस्थापित गुमटी व्यवसायियों  ने निगम कार्रवाई के खिलाफ आयुक्त कार्यालय से शिकायत की है। गुमटी व्यवसायियों ने बताया कि निगम ने विस्थापन मामले में कोर्ट को गलत जानकारी दी है। जहां गुमटियों को शिफ्ट किया जाना है। दरअसल जमीन नजूल की है। अरपा नदीं का हिस्सा होने के कारण नजूल ने निगम को जमीन देने से इंकार कर दिया है।

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                गुमटी व्यवसायियों ने आयुक्त कार्यालय को बताया कि दस्तावेज के अनुसार जमीन पर साल 2011 से 2016 तक विद्युत सब स्टेशन और सड़क का निर्माण होना कहा गया है। गलत जानकारी देकर निगम ने हाईकोर्ट को गुमराह किया है। ऐसा लगता है कि निगम प्रशासन छोटे व्यवसायियों को जानबूझकर परेशान करने का मन बना लिया है।

                गुमटी व्यवसायी संगठन ने विकास भवन पहुंचकर आयुक्त कार्यालय को बताया कि कोर्ट निर्देशों का पालन किए बिना गुमटियों को हटाया गया। अभी तक स्थापन के लिए जमीन आवंटन नहीं हुआ है। जिसके कारण गरीब व्यवसायी सड़क पर आ गये हैं।

                    गुमटी व्यवसायियों ने मीडिया को बताया कि हाईकोर्ट से निगम प्रशासन ने चौपाटी में गुमटियों को स्थापन का आश्वासन दिया है। जबकि 22 मई 2017 को एक पत्र के माध्यम से नजूल अधिकारी को निगम प्रशासन ने बताया है कि निर्धारित स्थान पर सड़क और विद्युत सब स्टेशन है। बाद में निगम ने पत्र लिखकर नजूल से चौपाटी में गुमटी स्थापन के लिए जगह की मांग की। लेकिन नजूल ने जमीन देने से इंकार करते हुए बताया कि जमीन नदी का हिस्सा है। नदी की जमीन को आवंटित नहीं किया जा सकता है।

           गुमटी व्यवसायियों के अनुसार सब कुछ जानते हुए भी निगम प्रशासन ने कोर्ट को गुमराह किया है। अभी तक गुमटी व्यवसायियों को जमीन का  आवंटन नहीं किया गया। हमने निगम प्रशासन से गुमटी के लिए उचित स्थान की मांग की है। ताकि भविष्य में विस्थापन की कार्रवाई से बचा जा सके।

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