जाँजगीर-चाँपा में हुई 56 लाख से अधिक की डकैती का खुलासा, कोरबा का मास्टरमाइंड, बिहार के डकैत पकड़े गए

Chief Editor
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janj.dac.2जांजगीर । पिछले 26 नवंबर को हुई 56 लाख से अधिक की डकैती का खुलासा करने में जाँजगीर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। कमाल की बात है कि वारदात के महज 22- 23 दिन के भीतर ही पुलिस ने घेरेबंदी कर इस सनसनीखेज डकैती के आरोपियों को धर दबोचा। हालांकि पुलिस को इसमें बड़ी मशक्कत करनी पड़ी और कई रात जागकर हाईटेक का इस्तेमाल करते हुए एक सूत्र से दूसरे सूत्र को मिलाना पड़ा  और बिहार तक का लम्बा सफर तय करना पड़ा। लेकिन पुलिस डकैतों के गिरेबां तक पहुंचने और उनके पास से डकैती की रकम सहित पिस्टल-माउजर-देशी कट्टा –मोबाइल बगैरह बरामद करने में कामयाब रही। पूरे मामले का पर्दाफाश करने में आईजी पुरुषोत्तम गौतम-एसएसपी अजय यादव सहित एसआईटी में शामिल पुलिस अफसर और कर्मियों की भूमिका अहम् रही।


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जांजगीर पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौतीपूर्ण खबर थी कि पिछले 26 नवंबर की रात साढ़े दस से ग्यागह बजे के बीच अज्ञात हथियारबंद डकैतों ने 63 लाख से अधिक की रकम लूट ली थी। डकैतों ने शराब दुकानों से रकम इकट्ठा करने वाले राइटर सेफ गार्ड कंपनी को निशाना बनाया और 63,52,780 रुपए को साथ गार्ड की बंदूक भी लूट ले गए थे। वारदात की खबर मिलने के बाद आई जी पुरु,तेतम गौतम रात करीब 1.30 बजे मौके पर पहुंच गए थे और मुआयना कर पुलिस अफसरों को जरूरी निर्देश दिए थे। वारदात की खबर मिलने पर जाँजगीर एसएसपी अजय यादव भी अपनी छुटटी केंसिल कर वापस लौट आए और डकैतों को पकड़ने की मुहिम शुरू कर दी गई। इस सिलसिले में एडीशनल एसपी पंकज चँद्रा की अगुवाई में एक SIT का गठन किया गया।ajay yadaw


एसएसपी अजय यादव ने घटना का पुनर्चित्रण कराया और डकैतों के आने-जाने के संभावित रास्तों का निर्धारण कर करीब 40 किलोमीटर के दायरे में 9 से अधिक स्थानों का टॉवर डंप लिया गया। इस बीच पुलिस टीम ने डॉग स्कवॉड की मदद से मौका-ए-वारदात के करीब एक तालाब से गार्ड की बंदूक बरामद कर ली। इसके बाद जांजगीर-चाँपा और कोरबा जिले के रेल्वे स्टेशन , बस स्टैंण्ड , मेन रोड की दुकानों , कई औद्योगिक इकाइयों ओर होटल –ढाबा- लॉज वगैरह के सीसीटीव्ही फुटेज खंगाले गए। घटना स्थल से मिले सीसीटीव्ही फुटेज, जो अत्यधिक गतिशील थे उन्हे अतिआधुनिक तकनीक HDR से चित्रों में बदला गया। इसके लिए NIA तकनीक  का सहारा लिया गया। साथ ही ATS  PHQ  से राज्य भर में घटना दिनांक के एक माह पहिले से नए एक्टीवेटेड सिम कार्ड का विशाल डाटा प्राप्त कर उनका विश्लेषण किया गया। करीब 7-8 लाख नंबरों से संबंधित तमाम स्थानों से लिए गए डंप और ATS से प्राप्त डाटा को स्क्रूटनाइज किया गया।




तमाम टेक्निकल कवायद के बाद जो स्थिति सामने आ ई उसे देखते हुए पुलिस ने आगे कदम बढ़ाया। फिर औरंगाबाद, सहरसा, गढ़वा, रांची, संबलपुर,राउरकेला, झारसुगड़ा में पुलिस की टीमें भेजी गईं। जहां आरोपियों की सुरागगरसी के अलावा वहां की सेन्ट्रल जेल और स्टेट क्राइम विंग के डोजियर से चेहरों का मिलान किया गया। करीब 27 हजार सस्पेक्ट चेहरे मिलाए गए। और करीब डेढ़ सौ से अधिक संदेहियों से पूछताछ की गई। इस बीच बगदड़ और सतीगुड़ी गाँव के बीच हसदेव नदी से राईटर कमंपनी के कैश कलेक्शन का बैग पुलिस के हाथ लग गया। एएसपी पंकज चँद्रा के निर्देशन में कंपनी की ओर से पुलिस को दिए गए रजिस्टर , एक्सीस बैंक के एकाउंट स्टेटमेंट और कंपनी के सिस्टम जेनेरेटेड डाटा का बारिकी से मिलान किया गया तो डकैती की रकम 63,52,780 रुपए न होकर 56,69,870 रुपए पाई गई।



इस बीच 35 हजार से अधिक रोमिंग, आउटसाइडर,साइलेंट और घटना दिनांक से स्विच ऑफ नंबरों की जाँच की गई। जिसमें पाया गया कि कुछ ऐसे नंबर हैं, जो घटना दिनांक को बाहर से आकर शहर में एक्टीवेट हुए और निर्धारित संभावित मार्गों से होकर कोरबा जाकर बंद हो गए। इन नंबरों की पूरी तरह से छानबीन-पड़ताल की गई तो कई अहम् सुराग पुलिस के हाथ लगे। साइबर विंग द्वारा प्रदत्त नंबर के एनालिसिस और सीसीटीव्ही फुटेज के आधार पर ग्राम कनकी ,जिला कोरबा निवासी ढ़ाबा संचालक हाजी मेमन प्राइम स्सपेक्ट के रूप में सामने आय़ा। तुरत SDOP चांपा उदयन बेहार की अगुवाई में एक पुलिस टीम रवाना की गई। जिसने हाजी मेमन को ढाबा में पकड़ा गया। पूछताछ पर हाजी मेमन ने घटना में संलिप्तता स्वीकार करते हुए चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि कोरबा जामा मस्जिद का ईमाम मोहर्ऱम अली उर्फ खूश्तर रब्बानी इस पूरी डकैती का मास्टर माइंड और सूत्रधार है।janj.dac 1

छानबीन में कहानी सामने आई कि ईमाम और हाजी मेमन दोनों ने कैश कलेक्शन सेंटर की रैकी की। फिर बिहार के आपराधिक तत्वों से मिलकर उन्हे पूरा प्लान समझाया। 28-29 अक्टूबर को बांका से ग्राम खड़ियारा निवासी मो. सिद्दिकी,सद्दाम, मो.कुनैन, हीरा खान और बाराहाट जिला बांका निवासी प्रेम चौधरी-धनबाद निवासी मो. शहजाद उर्फ बाबू रैकी करने और भागने का रास्ता देखने के मकसद से चाँपा उतरे । फिर ईमाम के पास कोरबा गए। ईमाम के घर पर डकैती की योजना बनी और पूरी तैयारी को लेकर बात हुई। ईमाम ने यह भी बताया कि शनिवार और रविवार को बैंक बंद होने की वजह से कलेक्शन का पैसा ज्यादा इकट्ठा होता है। लिहाजा 19 नवंबर की तारीख तय की गई। इस दिन सिद्दीक अपने साथियों और हथियार के साथ सुबह चाँपा पहुंच गया था। लेकिन उस दिन कलेक्शन सेंटर में भीड़ और अधिक चहल-पहल की वजह से डकैती नहीं कर पाए और 26 नंबर की तारीख तय कर वापस लौट गए।



26 नवंबर के दिन मो. सिद्दीक और बाबू अपने सभी साथियों के साथ सुबह हावड़ा-मुंबई मेल से चाँपा पहुंचकर ईनाम के घर कोरबा पहुंचे। शाम को हाजी मेमन की मोटर सायकल और उसी दिन चोरी की गई एक मोटरसायकल में हथियारों से लेस होकर मो. सिद्दीक, हाजी मेमन, हीरा खान, बाबू उर्फ सहजाद और मो. कुनैन चांपा आए। जहाँ उन्होने मिलकर वारदात को अँजाम दिया। फिर कुधरी बराज पहरिया के रास्ते तरदा होकर कोरबा की ओर भाग गए। सभी ने कोठारी के जँगल में रात बिताई और सुबह मुंहअँधेरे ईमाम के घर पहुंचकर डकैती के रकम का हिसाब-किताब किया और बंदरबांट कर लिया। इसके बाद ईनाम ने एक किराए की बोलेरो का इँतजाम किया। जिसमें सवार होकर बाहर के आरोपी अंबिकापुर गए , जहां से गाड़ी बदलकर बिहार चले गए।

घटना का पूरा सुराग मिलने के बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें भेजी गईं। इंस्पेक्टर राजेश मिश्रा और हेड कांस्टेबल अरुण सिंह की टीम ने प्रेम चौधरी और सद्दाम को बाराद्वार और खड़िहारा से पकड़ा। जिनके पास से नगद रकम जब्त की गई । एएसआई दिलीप सिंह की टीम ने शहजाद खान उर्फ बाबू को धनबाद के मित्तल कॉलोनी वासेपुर से पकड़ा। जिसके पास से एक पिस्टल सहित रायटर कंपनी का बैग , नगद रकम और मोबाइल बगैरह जब्त किए गए । एसडीओ पी चाँपा उदयन बेहार की टीम ने हाजी मेमन और ईमाम की गिरफ्तारी की । जिनके पास से देशी कट्टा , मोटर सायकल और नगद रुपए बरामद किए । दोनों ने अपना अपराध कबूल कर लिया। वारदात में शामिल मोह. सिद्दीक, हीराखान और मो. कुनैन अभी फरार बताए गए हैं। पुलिस उनकी पतासाजी में लगी है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को रिमांट के लिए न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

( इस पूरे मामले का खुलासा जाँजगीर-चाँपा के एसएसपी अजय यादव ने एक प्रेस कांफ्रेस में किया )

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