बिलासपुर।छत्तीसगढ़ में रविवार को हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा में शिक्षा कर्मियों की हड़ताल के लेकर पूछे गए सवाल को लेकर शिक्षा कर्मी संगठन के नेताओँ ने प्रतिक्रिया दी है। इस सिलसिले में संगठन के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने सेशल मीडिया के जरिए अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि TET परीक्षा में हड़ताल से जुड़ा सवाल पूछा जाना हड़ताल की कामयाबी का प्रमाण है। उन्होने यह भी लिखा है कि सरकार को अब संविलयन कर समान काम -समान वेतन के आधार पर शिक्षा कर्मियों की मांगों का निराकरण करना चाहिए।उन्होने सोशल मीडिया पर TET परीक्षा में पूछे गए सवाल की फोटोप्रति भी साझा की है।
पूरे प्रदेश में रविवार को हुई TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) व्यापम द्वारा आयोजित की गई।परीक्षा में शिक्षाकर्मियों की हड़ताल को लेकर भी सवाल पूछा गया।सवाल यह था कि ‘अगर शाला के सभी अध्यापक हड़ताल पर हैं, तो फिर शाला के प्राचार्य क्या करेंगे ?इस सवाल के जवाब के लिए चार विकल्प दिए गए थे।
- शिक्षकों की हड़ताल पर साकारात्मक चर्चा आयोजित करेंगे
- ऐसी ग्रुप गतिविधियां आयोजित करेंगे, जिस ग्रुप में सीनियर-जूनियर बच्चों का समावेश किया जायेगा तथा विषय से संबंधित हो
- विद्यार्थियों से कहें कि प्रशासन के समक्ष शिक्षकों के पक्ष में धरना दें
- विद्यार्थियों से शिक्षक हड़ताल के संबंधित तथ्य संकलित करने हेतु प्रेरित करें।
TET परीक्षा में शिक्षाकर्मियों से जुड़े सवाल आने पर शिक्षाकर्मी नेताओ ने आपत्ति जताई है।प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने कहा है कि यह बेरोजगार युवाओं को भयभीत करने का प्रयास है तथा यह प्रश्न पूछना यह प्रमाणित करता है कि शासन शिक्षाकर्मियो के हड़ताल से भयभीत हो चुकी है तथा यह प्रश्न पूछना शिक्षाकर्मियो की मांग व हड़ताल की सफलता को प्रमाणित करता है।प्रदेश संचालक ने शासन / सरकार से मांग किया है कि शिक्षाकर्मियो की समस्त समस्याओं का निराकरण कर क्रमोन्नत वेतन के आधार सातवां वेतन मान का निर्धारण कर समान काम के बदले समान वेतन, सेवा शर्त की व्यवस्था करते हुए संविलियन- शासकीयकरण करे।