क्यों कहा जस्टिस क्लाक से हो प्रमोशन…न्यायिक प्रक्रिया में आएगी पारदर्शिता…फरियादियों को मिलेगी राहत

BHASKAR MISHRA
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rizvi_jccरायपुर—जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश मीडिया प्रमुख इकबाल अहमद रिजवी ने चिता जाहिर की है। उन्होने बताया कि देश की अदालतों में लाखों की संख्या में मुकदमे लंबित हैं। शीघ्र निराकरण और नजर रखने के लिए सरकार जस्टिस क्लॉक पध्दति का प्रयोग सामयिक और स्वागत योग्य है। यह प्रयोग न्यायिक जगत और जनता के हित में होगा। न्यायिक प्रणाली  की मंशा भी यही है कि देशवासियों को सस्ता सुलभ और शीघ्र न्याय मिले।

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                   रिजवी ने बताया कि जस्टिस क्लॉक की मंशा इस अवधारणा के लिए कारगर सिध्द होगी। बरसो से लंबित प्रकरणों ने गरीब और मध्यम वर्ग के पक्षकारों की कमर तोड़ दी है। कई पक्षकार तो निराश होकर मुकदमों की पैरवी बीच में ही छोड़ घर बैठ जाते है। थके हारे पक्षकारो के लिए जस्टिस क्लॉक प्रक्रिया रामबाण सिध्द होगी। जनता को निश्चित समय में न्याय हासिल हो सकेगा।

                      रिजवी ने ब्रिटिश काल का हवाला देते हुए कहा कि जस्टिस क्लॉक की ही तरह अंग्रेजो ने प्रक्रिया का पालन किया था। जजों के दिए गए फैसलो की समीक्षा की जाती थी। सही या गलत फैसलों के आधार पर जजों की पदोन्नति होती थी। जज भी फैसला करने से पहले पूरी तरह समयावधि के अंदर कानून के दायरे में संतुष्ट होकर ही फैसला सुनाया करते थे। जानते थे कि दिये गये फैसले की समीक्षा पर गाज गिर सकती है। भययुक्त प्रक्रिया का असर यह होता था कि अपीलीय अदालतों में प्रकरणो की संख्या बहुत कम होती थी। पक्षकार भी फैसलों को स्वीकार करता था।

            रिजवी ने कहा कि जस्टिस क्लॉक प्रणाली निष्पक्षता को बरकरार रखने वाली सिध्द होगी। वर्षो से लंबित प्रकरणो का शीघ्र निराकरण हो सकेगा। अदालतो की कार्यप्रणाली को रफ्तार मिलेगी। पक्षकार को सस्ता सुलभ और ठोस रिजल्ट मिलगा। लंबित प्रकरणों की संख्या में भी कमी आएगी।

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