बिलासपुर–तीन चार बाद जिला सहकारी बैंक की साख को एक बार फिर सम्मान मिला है। गहरा धक्का खाने के बाद जिला सहकारी बैंक डिफाल्टर होने से बच गया है। धारा 11 से बाहर आ गया है। आरबीआई ने जांच पड़ताल में पाया कि जिला सहकारी बैंक बिलासपुर ना केवल 120 करोड़ के घाटे से बाहर आ गया है। बल्कि 52 करोड़ के विशुद्ध मुनाफे में है। आरबीआई से हरी झण्डी के बाद शुक्रवार को जिला सहकारी बैंक मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक तिवारी को नाबार्ड महाप्रबंधक ने रायपुर में B ग्रेड का प्रमाण पत्र दिया है। अभिषेक ने इस उपलब्धि का श्रेय बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को दिया है।
मालूम हो कि तीन साल पहले जिला सहकारी बैंक बिलासपुर को वित्तीय अनियमितता और भयंकर घाटे में होने कारण आरबीआई ने धारा 11 में डाल दिया था। जिससे लोगों में जिला सहकारी बैंक के प्रति विश्वास कम हुआ। विश्वास कम होने से बैंक की साख को गहरा धक्का लगा । लोगों ने बैंक को डूबने का एलान भी कर दिया था। प्रबंधन की लापरवाही के चलते बैंक 120 करोड़ के घाटे में चला गया था। इसके बाद किसानों और खाताधारकों में भयंकर आक्रोश देखने को मिला। इस दौरान कई समितियों में वित्तीय अनियमितता का भी खुलासा हुआ। मामला सीबीआई तक पहुंच गया। भारी वित्तीय अनियमितता और सीबीआई जांच के बीच प्रबंधन ने सैकंड़ों बैंक कर्मचारियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया।
गुरूवार को रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान नाबार्ड महाप्रबंधक ने जानकारी दी कि आरबीआई ने जिला सहकारी बैंक बिलासपुर को धारा11 से बाहर कर दिया है। नाबार्ड महाप्रबंधक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को B ग्रेड प्रमाण पत्र देकर जिला सहकारी बैंक को सम्मानित किया। नाबार्ड मुख्य महाप्रबंधक ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को बताया कि जिला सहकारी बैंक बिलासपुर ना केवल धारा 11 डिफाल्टर ग्रुप से बाहर आ गया है। बल्कि आरबीआई ने बेहतर प्रबंधन और डिपाजिट और किसानों के विश्वास को आधार मानकर बैंक के ग्रेड को अपग्रेड भी किया है। जिला सहकारी बैंक अब D ग्रुप से बाहर निकलकर B ग्रुप का सदस्य बन गया है। मौके पर मौजूद लोगों ने सफलता के लिए बैंक सीईओ को बधाई दी ।
साथियों की मेहनत रंग लायी
B ग्रेड प्रमाण पत्र लेने के बाद जिला सहकारी बैंक बिलासापुर सीईओ अभिषक ने कहा कि बैंक के साथियों और जिला प्रशासन की पुरजोर मेहनत से सब कुछ हुआ है। बैंक को धारा 11 से बाहर निकालने और 120 करोड़ के घाटे को पीछे छोड़ 52 करोड़ के मुनाफे में लाने का काम बैंक कर्मचारियों ने किया है। आरबीआई के विश्वास और नाबार्ड के प्रमाण पत्र से बैंक कर्मचारियों का ना केवल मनोबल बढ़ा बल्कि बैंक कर्मचारियों का विश्वास भी लौटा है। B ग्रेड प्रमाण पत्र ने कुछ बेहतर करने का मौका भी दिया है। सर्टिफिकेट ने साबित कर दिया कि बैंक के प्रति किसानों, हितग्राहियों और खाताधारकों का विश्वास लौटा है। विश्वास को कायम रखा जाएगा। अभिषेक तिवारी ने बताया कि बैंक को जिला प्रशासन के समर्थन के बिना धारा 11 से बाहर निकालना नामुमकिन था।