रायपुर । प्रदेश में शिक्षा कर्मियों की बेमियादी हड़ताल के दौरान सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। तमाम लोग इस आँदोलन के समर्थन में लिख रहे हैं और सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी माँगें जल्दी ही पूरी कर ली जाए। वहीं ऐसे लोगों की भी संख्या है , जो इस हड़ताल के खिलाफ हैं और वे लिख रहे हैं कि शिक्षा कर्मियों को इस तरह बेमुद्दत हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए इससे बच्चों की पढ़ाई ठप्प हो गई है। कुछ ऐसे उदहरण भी सामने आए हैं जिसमें भाजपा से जुड़े सरपंचों ने शिक्षा कर्मियों की मांगे नहीं माने जाने पर इस्तीफे से की पेशकस की है।
वहीं प्रेरकों ने स्कूल का संचालन करने से मना कर दिया है।इस सिलसिलें में जो बयान सोशल मीडिया में घूम रहे हैं, उनमें दो पत्र रायपुर जिले के आरंग ब्लॉक के ग्रामपंचायत सरपंचों के नाम से हैं। एक पत्र ग्राम पंचायत मुनरेठी के सरपंच बिरिज लाल यादव के नाम से है।
मुख्यमंत्री , प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और विधायक को संबोधित इस पत्र में कहा है गया है कि – हम शिक्षा कर्मियों की मांगों का समर्थन करते हैं और वादा करते हैं कि भाजपा को वोट नहीं देंगे। शासनन अगर 3 दिवस के अँदर संविलयन की माँग पूरा नहीं करती है तो हमारा स्तीफा तैयार है। भाजपा कार्यकर्ता अपनी पार्टी से माँग करते हैं कि 2018 के चुनाव को जिताना है तो शिक्षा कर्मियों का संविलयन करा देवें।
दूसरी चिट्ठी आरंग ब्लॉक के ही जुगेसर ग्रामपंचायत के सरपंच मयाराम जाँगड़े के नाम से जारी की गई है। इसमें भी संविलयन की माँग का समर्थन करते हुए मांगें नहीं माने जाने पर भाजपा से इस्तीफे की पेशकस की गई है।
उधर मुंगेली जिले के पथरिया ब्लॉक के विकास खंड स्तरीय प्रेरक / पंचायत कल्याण संघ की ओर से जनपद पंचायत के CEO को लिखा गया है कि शिक्षक संवर्ग 20 नवंबर से हड़ताल पर है। ऐसी स्थिति में पथरिया के सभी प्रेरकों को विद्यालयों के संचालन हेतु आदेशित किया गया है ।
दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ प्रेरक पंचायत कल्याण संघ ने सभी जिलों में कार्यरत प्रेरकों को अपने मूल कार्य लोक शिक्षा केन्द्रों का संचालन करने कहा गया है। जिसकी लिखित सूचना संघ की ओर से संचालक राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण रायपुर को पहले ही दी जा चुकी है। ऐसी स्थिति में प्रेरक अपने लोक शिक्षा केन्द्र एवं साक्षर भारत का कार्य करेंगे। स्कूल का संचालन नहीं करेगे।
शिक्षा कर्मियों की हड़ताल के समर्थन में स्वास्थ संयोजक कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ , सारंगढ़ ब्लॉक इकाई की ओर से जारी पत्र भी सोशल मीडिया में है। जिसमें शिक्षा कर्मियों की मांगों का समर्थन करकते हुए कहा गया है कि उनकी मांगे शीघ्र पूरी की जानी चाहिए।