एंबी वैली की नीलामी में बाधा डालने पर SC ने लगाई सहारा को फटकार

Shri Mi
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subrata-roy_650x400नईदिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के एंबी वैली को नीलाम किए जाने के फैसले पर मुहर लगा दी है।माना जा रहा है कि सहारा की एंबी वैली को अगले आठ हफ्तों के भीतर नीलाम कर दिया जाएगा। नीलामी की प्रक्रिया 1 दिसंबर से शुरू होगी।मामले की सुनवाई के दौरान नीलामी की प्रक्रिया को संचालित करने वाले अधिकारी ने बताया, ‘सहारा ग्रुप की तरफ से नीलामी में अभूतपूर्व तरीके से बाधा डालने की कोशिश की जा रही है।’इसके बाद कोर्ट ने सहारा को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि अगर उन्होंने ऐसा करना जारी रखा, तो उन्हें फिर से जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

                  कोर्ट ने सहारा की एंबी वैली की देखरेख के लिए आधिकारिक रिसीवर को भी नियुक्त किया है, जो नीलामी पूरी होने तक इस संपत्ति की देख-रेख करेगा।बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद भी सहारा समूह की तरफ से निवेशकों का पैसा नहीं लौटाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारा के एंबी वैली को नीलाम करने का आदेश दिया था।कोर्ट ने कहा था कि बॉम्बे हाई कोर्ट की निगरानी में एंबी वैली की नीलामी होगी।

                     सहारा ग्रुप के इस प्रॉपर्टी की कीमत 39,000 करोड़ रुपये है। इस बीच सहारा ने सुप्रीम कोर्ट में नीलामी को रोके जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।इस बीच आयकर विभाग ने भी पुणे की इस आलीशान प्रॉपर्टी की नीलामी से होने वाली रकम में 24,000 करोड़ रुपये की दावेदारी पेश कर चुका है।

                     इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऐसे समय में देनदारी का दावा ठोंका है जब बंबई हाई कोर्ट के अधिकारी इसे नीलामी करने की तैयारी कर रहे हैं।एंबी वैली के लिए न्यूनतम बोली 37,392 करोड़ रुपये रखी गई है जबकि आयकर विभाग ने 24,843 करोड़ रुपये का दावा किया है।

                 आयकर विभाग ने जिस रकम का वादा किया है, उसमें ब्याज की रकम शामिल नहीं है।सहारा समूह को निवेशकों के 5,000 करोड़ रुपये चुकाने थे। इसमें विफल रहनेके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की 39,000 करोड़ रुपये की एंबी वैली को नीलाम करने के आदेश दे दिए थे। कोर्ट ने लोनावाला में सहारा की प्रॉप्रटी एंबी वैली को जब्त किए जाने का आदेश दिया था।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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