VIDEOःशिक्षाकर्मी आँदोलनःसरकार को दिया जवाब–“जुल्म किया तो और लड़ेंगे..नहीं झुकेंगे..नहीं झुकेंगे..’’

Chief Editor
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teacher_23_9_17बिलासपुर।“आवाज दो हम एक हैं…एक हैं…हम एक हैं…।हम अपना अधिकार माँगते…नहीं किसी से भीख माँगते…।अभी तो ये अँगड़ाई है..आगे और लड़ाई है….।जुल्म किया तो और लड़ेंगे…और लड़ेंगे..नहीं झुकेंगे…. नहीं झुकेंगे…।“कुछ इस तरह के नारे इन दिनों शहर के नेहरू चौक पर गूँज रहे हैं। जहाँ बेमियादी हड़ताल पर उतरे शिक्षा कर्मी धरना देकर अपनी बात रख रहे हैं और सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार की ओर से  बर्खास्तगी की कार्रवाई औऱ वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने की खबरों के बीच नेहरू चौक के माहौल पर नजर डालें तो लगता है कि इससे शिक्षा कर्मियों पर किसी तरह का डर – भय नहीं है। बल्कि वे और भी दुगने हौसले के साथ मैदान पर डटे हुए हैं और चौक पर धरना देने वालों की तादात बढ़ती ही जा रही है। हड़ताली शिक्षा कर्मियों ने यह साफ कर दिया है कि ना डरेंगे…ना झुकेंगे…जब तक सरकार में बैठे लोग अपना वदा…. अपना संकल्प पूरा कर शिक्षा कर्मियों को उनका हक नहीं दे देते तब तक इसी तरह लड़ते रहेंगे…।
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संविलयन सहित अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के शिक्षा कर्मी बेमियादी हड़ताल पर हैं। उनकी यह हड़ताल पिछले सोमवार से शुरू हुई है। गुरूवार को चौथे दिन  धरना स्थल नेहरू चौक पर भारी गहमा-गहमी का माहौल नजर आया। बड़ी तादात में शिक्षा कर्मी इसमें शामिल दिखे। जिसमें महिला शिक्षा कर्मियों की तादात भी काफी अधिक रही। महिलाओँ में हौसला भी अधिक नजर आ रहा है। उनके बैठने की व्यवस्था अलग है । जब भी नारेबाजी होती है, महिलाएं दोनों हाथ उठाकर नारा लगाती हैं। जिसमें काफी जोश नजर आता है। धरना स्थल का यह माहौल देखकर लगता है कि पिछले एक – दो दिनों से जिस तरह सरकार की ओर से चेतावनी दी जा रही है और हड़ताली शिक्षा कर्मियों की बर्खास्तगी के लिए अल्टीमेटम दिया जा रहा है,शिक्षा कर्मियों ने उसका जवाब जोश- खरोस और उत्साह के साथ दोने की तैयारी कर ली है। नारों के जरिए भी सरकार को यह जवाब दे रहे हैं कि जुल्म किया तो और लड़ेंगे…नहीं झुकेंगे…. नहीं झुकेंगे….।
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पूरे इलाके से आकर धरना दे रहे शिक्षा कर्मियों के भाषणों में भी उनका गुस्सा झलक रहा है….। किसी की बातों में दर्द की झलक मिलती है तो कोई शिक्षा कर्मियों का हौसला बढ़ाने के लिए जोश के साथ अपनी बात कहता है और अपना हक मिलने तक मैदान पर डटे रहने का आह्वान करता है….। इस बीच शिक्षा कर्मियों में  से ही किसी को माइक दी जाती है और लय के साथ एक देश भक्ति गीत शुरू हो जाता है… ” कर चले हम फिदा जानों तन साथियों…… अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों……”। सब कुछ हाईटेक है….। गीत प्रस्तुत करने वाले शिक्षा कर्मी के एक हाथ में माइक और एक हाथ में मोबाइल है….। मोबाइल से मिल रहे संगीत की धुन पर गीत चलता हैं ….. और लोग जोश से भर जाते हैं….। कोई अपनी भावनाएं कविता के जरिए पेश कर रहा है ….. तो कोई ठेठ छत्तीसगढ़ी में अपने दिल – दर्द की बात कह रहा है…। कुल मिलाकर हौसला कम नहीं है….।

इस बीच उन तमाम बातों का जवाब भी दिया जा रहा है, जो सरकार की ओर से कही जा रही हैं। चाहे वह शिक्षा कर्मियों के सात संगठनों के हड़ताल से अलग होने की बात हो या हड़ताली कर्मियों की बर्खास्तगी की चेतावनी हो….। इस सिलसिले में हमारी बात मोर्चा के उपसंचालक करीम खान से हुई। उन्होने कहा कि कोई आँदोलन सफल है या असफल है – यह वास्तविक में उस जगह पर दिखाई देता है, जहाँ पर आँदोलन चल रहा है। 140 विकास खंण्डों में यही स्थिति है। शासन के साथ कौन है…. कौन नहीं है, इस पर हम कुछ भी नहीं कह सकते । लेकिन नेहरू चौक पर खड़े होकर इतना कह सकते हैं कि सारे शिक्ष कर्मी एक साथ – एक जुट हैं। हां समाचार पत्रों से पता चला कि कुछ संगठन हड़ताल से अलग हैं…। हो सकता है कुछ छोटे- मोटे संगठन की बात हो। लेकिन वो संगठन नहीं व्यक्ति हो सकता है….। जो संगठन धरातल पर काम कर रहे हैं, सभी एक जुट हैं….। और अपनी लड़ाई तब तक जारी रखएंगे, जब तक कि सरकार में बैठे लोग अपना संकल्प- अपना वादा पूरा नहीं करते..। बर्खास्तगी की चेतावनी के सवाल पर करीम खान ने कहा कि इसका कोई डर – भय नहीं है। बल्कि इस तरह की कार्रवाई से धरना देने वालों की संख्या और बढ़ गई है। दमन का कोई असर नहीं है। हम तो सरकार को उनके वायदों की याद दिला रहे है। बस अपना ही दिया वायदा पूरा कर दें….. हमें और कुछ नहीं चाहिए…..।

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