रायपुर। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 15 नवंबर से 31 जनवरी तक सोसायटी के माध्यम से धान खरीदी किये जाने के निर्णय के साथ-साथ किसानो के धान खरीदी पर लिमिट लगाने का निर्णय किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने जारी बयान में कहा है कि राज्य की रमन सरकार द्वारा चुनावी वर्ष 2013 में किसानों के एक-एक दाना धान खरीदी की बात कही गयी थी, किसानों को लगातार झुठे वायदे कर 2100 रू. समर्थन मूल्य 300 रू. बोनस की बात करने वाली रमन सरकार वायदो से मुकर गयी और अब एक-एक दाना धान तो छोड़ 15 कि. प्रति एकड़ धान खरीदी पर 3 बार से अधिक धान नही बेच पाने की लिमिट लगाकर किसानों के साथ अन्याय पर उतारू है।
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प्रदेश में फसल पकने के बाद धान की कटाई अनेको चरण में किया जाता है छोटे और मझोले किसान स्वयं परिश्रम कर धान की कटाई करते है क्योंकि हारवेस्टर का भुगतान महंगा पड़ता है। सरकार के तीन बार से अधिक धान नही खरीदने के निर्णय से किसानों में भय का वातावरण निर्मित है सरकार स्पष्ट करें की उनके निर्णय की सत्यता क्या है।