सरकंडा थाना से 151 में रिकार्ड गिरफ्तारी…70 लोग एक साथ कोर्ट में पेश…कर्मचारी और शिवसैनिकों ने पीटा माथा

BHASKAR MISHRA
5 Min Read

distt. courtबिलसापुर—सरकंडा थाना क्षेत्र में हड़ताल करते 70 सिटी बस कर्मचारियों के खिलाफ कोनी थानेदार ने रिकार्ड कार्रवाई की है। सभी लोगों को एक साथ कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने एक साथ 65 पुरूष और 5 महिला सिटी बस कर्मचारियों को जमानत में छोड़ दिया है। इसमें कुछ शिवसैनिक भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि अपने आप में रिकार्ड गिरफ्तारी है। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद 10 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन करने वालों ने अब सिर धुनकना शुरू कर दिया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                देखने में आया है कि लोकतांत्रिक तरीके से मांग करने वालों की सांकेतिक गिरफ्तारी होती है। कर्मचारियों या विरोध प्रदर्शन करने वालों को पुलिस हिरासत में लेकर किसी थाने में कुछ घंटे बैठाती है। सांकेतिक गिरफ्तारी दर्ज कर सभी को छोड़ दिया जाता है। लेकिन आज बहुत दिनों बाद पुलिस ने कुछ ऐसा किया कि हड़तालियों सिर पकड़कर बैठ गए हैं। अब सभी सिटी बस कर्मचारी पछता रहे हैं कि आखिर उन्होने हड़ताल किया ही क्यों।

                   बिलासपुर पुलिस महकमे को जानकारी मिली कि कोनी के पास सरकंडा थाना क्षेत्र में स्थित सिटी बस डिपो में कर्मचारियों ने हड़ताल कर दिया है। दस सूत्रीय मांग को लेकर करीब 70 सिटी बस कर्मचारियों ने सिटी बस के पहियों को रोक दिया है। शिवसैनिक भी आंदोलन में शामिल हैं। इसके पहले सरकंडा पुलिस पहुंचती वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कोनी पुलिस मौके पर पहुंच गयी। विरोध प्रदर्शन करने वालों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन समझाने का किसी पर असर नहीं हुआ।

                       कोनी थाना प्रभारी थानेदार सुरेश चन्द्र शुक्ला ने प्रदर्शनकारियों को शांत रहने को कहा। लेकिन थानेदार के निवेदन का किसी पर असर नहीं हुआ। प्रभारी थानेदार शुक्ला ने मौके पर ही 70 लोगों के खिलाफ 151 का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया। सरकंडा पुलिस ने 5 महिलाओं समेत 70 सिटी बस कर्मचारियों को कोर्ट में पेश कर दिया।

           कोर्ट ने 151 के तहत पेश किए गए सभी 70 लोगों को एक साथ जमानत पर रिहा कर दिया है। रिहा होने के बाद सिटी बस कर्मचारियों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नाराजगी जाहिर की है।

 क्यों किया धरना प्रदर्शन

                    कोनी के पास स्थित सिटी बस डिपो सरकंडा थाना क्षेत्र के हिस्से में आता है। सुबह से ही सिटी बस चालक और कन्डक्टर समेत अन्य कर्मचारियों ने दस सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल का एलान कर दिया। सिटी बस डिपो के सामने ही धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। कर्मचारी लीडर अरूम यादव ने बताया कि मैनेजमेन्ट की मनमानी और तानाशाही से तंग आ चुके हैं। बस संचालन के दौरान बस मे किसी प्रकार की टूट फूट का पैसा कर्मचारियों के वेतन से काटा जाता है। टायर पंचर का भी भुगतान कर्मचारियों को जेब से करना पड़ता है।

                     अरूण यादव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में सिटी बस कार्पोरेशन ने 25 कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी से निकाल दिया है। गलती सिर्फ इतनी थी कि इन कर्मचारियों ने बस मेन्टनेंस का खर्चा जेब से देने से इंकार कर दिया था। हम लोगों ने आज बस डिपो में 10 सूत्रीय मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हड़ताल का समर्थन किया। हम लोग लोकतांत्रिक तरीके से 10 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने जबरदस्ती धारा 151 लगाकर कोर्ट में पेश कर दिया है।

                       अरूण के अनुसार सिटी बस मैनेजमेन्ट घोषणा के बाद भी ना तो बोनस दिया है और ना ही पूरा वेतन। बावजूद इसके बस में किसी भी प्रकार की तकनीकि गड़बड़ी के लिए बस कन्डक्टर और ड्रायवर को जिम्मेदार ठहराया जाता है। वेतन से पैसे काट लिया जाता है।

माहौल को था खतरा

            कोनी थाना प्रभारी सुरेश चन्द्र शुक्ला ने बताया कि शिवसैनिकों और सिटी बस कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया। उग्र धरना प्रदर्शन से महौल बिगड़ रहा था। समझाने के बाद भी लोगों ने हालात को समझने का प्रयास नहीं किया। इसलिए सभी लोगों को धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया जाना जरूरी हो गया। सभी 70 लोगों को कोर्ट में पेश कर जमानता पर रिहा कर दिया गया है।

close