फार्मेसी स्टाफ का आरोप..अपोलों में बेगारी की मार…प्रबंधन ने लायसेंस जब्त कर दी नौकरी से हटाने की धमकी

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

IMG20171109130935बिलासपुर— अपोलो फार्मेसी स्टाफ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान किया है। जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर फार्मेसी स्टाफ ने लिखित में अपोलो प्रबंधन पर बेगारी करवाने का आरोप लगाया है। फार्मेसी स्टाफ में भारी आक्रोश है। 24 घंटे काम लिया जाता है। काम के दौरान अप्रिय घटना की जिम्मेदारी से बचने के लिए प्रबंधन फार्म भरवाता है कि घटना के लिए अपोलो जिम्मेदारी नहीं होगा।

                         मोनू अवस्थी की अगुवाई में जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपोलो फार्मेसी स्टाफ ने प्रबंधन पर बेगारी और शोषण का आरोप लगाया है। मोनू अवस्थी और फार्मिस्ट स्टाफ ने जिला प्रशासन के सामने चार सूत्रीय मांग रखते हुए कहा कि यदि मामले में गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे।

            मोनू ने बताया कि अपोलो में फार्मेसी स्टाफ के साथ काम की समयावधि को लेकर अन्याय हो रहा है। फैक्ट्री एक्ट 1948 के अनुसार किसी भी व्यक्ति से सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे काम लिया जा सकता है। लेकिन अपोलों में एक दिन में दस घंटे काम लिया जाता है। बावजूद इसके प्रबंधन की तरह से ना तो रात्रि भत्ता दिया जाता है और ना ही अन्य शर्तों का पालन किया जाता है। फार्मेसी स्टाफ की मांग है कि रात्रि कालीन भत्ता 100 रूपए दिया जाए। फैक्ट्री एक्ट के तहत अतिरिक्त कार्यावधि पर अतिरिक्त वेतन दिया जाना चाहिए। बावजूद इसके अपोलो में अतिरिक्त कार्य तो लिया जाता है लेकिन अतिरिक्त वेतन का भुगतान नहीं होता है।

                    स्टाफ ने जिला प्रशासन को बताया कि अपोलो में ड्रग लायसेंस का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है। फार्मासिस्ट के ड्रग लायसेंस के उपयोग पर अपोलो को अतिरिक्त भुगतान देना चाहिए। कर्मचारियों की मांग है कि लायसेंस के उपयोग पर वेतन के साथ 2000 रूपए अतिरिक्त दिया जाए। लेकिन लायसेंसधारी फार्मासिस्ट जब अतिरिक्त भुगतान की मांग करते हैं तो उन्हें नौकरी से निकालने और लायसेंस जब्त करने की धमकी दी जाती है।

              फार्मिस्टों ने जिला प्रशासन को बताया कि चार सूत्रीय मांगो को पूरा करने के लिए अपोलो प्रबंधन पर दबाव बनाया जाए। यदि उनकी मांगो पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। यदि अपोलों प्रबंधन बिना फार्मासिस्टों के दवाइयों का वितरण करता है तो फार्मेसी एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा। इसकी जिम्मेदारी अपोलो प्रशासन की होगी।

close