सीईओ पर कमीशनखोरी का आरोप…जनप्रतिनिधियों ने बताया…तानाशाह अधिकारी ने किया बेड़ा गर्क

BHASKAR MISHRA
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IMG20171109140457 बिलासपुर— गौरेला जनपद पंचायत अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और सदस्यों ने एक दर्जन से अधिक सरपंचो के साथ कलेक्टर से मुख्यकार्यपालन अधिकारी को हटाने की मांग की है। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि गौरेला जनपद पंचायत में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी की कमीशनखोरी से पंच सरपंच और अन्य अधिकारी परेशान हैं। सीईओ पसंद कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार की सीमाओं को पार कर दिया है। चंदा नहीं दिये जाने पर पंच सरपंच और सचिवों को बर्खास्त करने की धमकी दी जाती है। सीईओ के इशारे पर ठेकेदारों की मनमानी रूकने का नाम नहीं ले रही है।

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                            गौरेला जनपद पंचायत अध्यक्ष,उपाध्यक्ष समेत दर्जन भर से अधिक पंच सरपंचों ने सीईओ डॉ.ज्योति पटेल को हटाए जाने की मांग की है। जनप्रतिनिधियों ने डॉ.पटेल पर कमीशनखोरी,अवैध वसूली करने का आरोप लगाया है। कलेक्टर को जनप्रतिनिधियों ने बताया कि जनपद पंचायत में ठेकेदारों को राज्य चल रहा है। कार्यालय का संचालन रसूखदार ठेकेदारों पर किया जाता है।

                कलेक्टर पी.दयानन्द ने जनप्रतिनिधियों को बताया कि आरोपों को गंभीरता लेते हुए मामले की जांच कराएंगे। इसके बाद जो भी उचित कदम होगा उठाया जाएगा। कलेक्टर से मिलने के बाद गौरेला जनपद पंचायत अध्यक्ष पवन पैकरा और उपाध्यक्ष विजय राठौर ने पत्रकारों को सीईओ के खिलाफ आरोपो की जानकारी दी।

              पवन ने पत्रकारों को बताया कि डॉ.ज्योति पटेल अधिकारियों और जनप्रतिनिधइयों से तानाशाहों जैसा व्यवहार करते हैं। आवास निर्माण का काम हितग्राहियों से ना करवाकर ठेकेदारों से कराया जा रहा है। काम के पहले ठेकेदारों से पचास पचास हजार रूपए जमा करवाया जाता है। नियमानुसार हितग्राही काम करने और राशि अाहरण के लिए स्वतंत्र हैं। इस तरह वैगा आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है। ठेकेदारों को मनमाने तरीके से आवास निर्माण की छूट दी जा रही है। आवास मित्रों को सही रिपोर्ट देने पर प्रताड़ित किया जा रहा है। कुछ आवास मित्रों को तो आवास निर्माण को लेकर सही दिए जाने पर डॉ.ज्योंति पटेल ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

                   पवन बताया कि प्रभारी पंचायत निरीक्षक राजेश बरूवा और प्रभारी लेखापाल दीपक तिवारी मुख्य कार्यपालन IMG20171109142735अधिकारी डॉ.ज्योति पटेल के लिए अवैध वसूली करत हैं। सहयोग नहीं करने वाले पंच,सरपंच और सचिवों को बर्खास्त करने की धमकी दी जाती है। अनुचित काम नहीं करने वाले कर्मचारियों का प्रभार छीन लिया जाता है। विरोध करने पर डॉ.ज्योंति पटेल दंडात्मक कार्रवाई की धमकी देती हैं।

           जनपद पंचायत उपाध्यक्ष विजय राठौर के अनुसार डॉ.ज्योंति पटेल बिना कमीशन चेक नहीं काटती हैं। देखने में हमेशा आया है कि बिना कमीशन की फाइलों को सीईओ फेंक देती हैं। राठौर ने बताया कि आदिवासी सरपंचों को जातिगत गाली गलौच देने और अपमानित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती हैं। कई आदिवासी जनप्रतिनिधियों को तो  विभिन्न धाराओं के तहत जेल भेजने की धमकी देने से बाज नहीं आती हैं।

                        जनपद पंचायत उपाध्यक्ष विजय राठौर ने बताया कि वसूली अभियान में सीईओ को साथ नहीं देने वाले अभियंताओं और तकनिकी सहायकों के खिलाफ फर्जी आरोप पत्र तैयार किया जाता है। जिला पंचायत को कार्रवाई करने के लिए कहा जाता है। फर्जी आरोप पत्र के आधार पर अब तक कई बार और कई अभियंता और तकनीकि सहायकों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। जिसके चलते जनपद पंचायत के कई काम अधर में लटके हुए हैं।

                राठौर के अनुसार हम लोगों ने कलेक्टर को लिखित शिकायत कर बताया है कि तानाशाह सीईओ ने नियम कायदों को ताक पर रख दिया है। समय पर सामान्य सभा बैठक नहीं होती है। सरकारी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्यवयन नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते जनपद पंचायत गौरेला के आदिवासी बहुल जनता को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है।

                                      राठौर ने बताया कि कलेक्टर ने मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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