बिलासपुर— विनोद वर्मा की गिरप्तारी के विरोध में आज बिलासपुर जिला कांग्रेस नेताओं ने नेहरू चौक पर पुतला दहन और प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मुख्यमंत्री और लोकनिर्माण विभाग मंत्री राजेश मुणत का इस्तीफा भी मांगा। कांग्रेसियों ने कहा एक एक कर प्रदेश सरकार की करतूते उजागर हो रही हैं। पत्रकारों को साजिश कर फंसाया जा रहा है। नियम कानून को ताक पर रखकर देर रात देश के मशहूर पत्रकार को गिऱफ्तार किया जा रहा है। चौथे स्तंभ पर आक्रमण किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
गाजियादबाद में पीसीसी चीफ भूपेश बघेल के मीडिया सलाहकार देश के मशहूर पत्रकार विनोद वर्मा की गिऱफ्तारी का कांग्रेसियों ने विरोध किया है। आज नेहरू चौक पर मुख्यमंत्री और राजेश मूणत का पुतला जलाया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मंत्री और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। बिलासपुर जिला कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस भवन से निकलकर रैली की शक्ल में नेहरू चौक पहुंचे। इसके पहले पुलिस अलर्ट होती कांग्रेस ने रैली के दौरान ही मंत्री और मुख्यमंत्री का पुतला जला दिया। इस दौरान पुलिस और कांग्रेसियों के बीच जमकर झूमाझटकी भी हुई।
जिला ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि प्रदेश की जनता शर्मिन्दगी महसूस कर रही है। जिस प्रदेश का मंत्री सेक्स स्कैंडल का हीरो बना गया हो उस सरकार से जनहित की उम्मीद बेइमानी है। ऐसे मंत्री को तत्काल हटाया जाना चाहिए। नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा भी देना चाहिए। पत्रकार विनोद वर्मा की गैरसंवैधानिक तरीके से गिरफ्तारी हुई है। देश के मशहूर पत्रकार को बदनाम करने की साजिश हुई है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवा मिश्रा ने कहा कि प्रदेश को ऐसे जनसेवकों की जरूरत नहीं है। सीडी की जांच होनी चाहिए। जनता ऐसे जनसेवकों को सबक सिखाने को तैयार बैठी है। जनता को ऐसे जनसेवक और इस प्रकार की जनसेवा की जरूरत नहीं है। दरअसल मामले को दबाने के लिए नियम कानून पर ताक पर रख विनोद वर्मा की गिरफ्तारी हुई है। कांग्रेस पार्टी इसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं करेगी।
नरेन्द्र बोलर ने कहा कि सीडी की जांच होनी चाहिए। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस पार्टी एक तरफा तानाशाही वाली कार्रवाई के खिलाफ है। सिर्फ फोन काल पर वरिष्ठ पत्रकार को गिरफ्तार करना ना तो तर्कसंगत है और ना ही न्याय संगत। विनोद वर्मा की गिरफ्तारी का अर्थ चौथे स्तम्भ पर हमला है। दरअसल अब लोकतंत्र खतरे में है।
शिक्षाविद् और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शैलेश पाण्डेय ने कहा कि विनोद वर्मा की गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटना है। जब पत्रकार सुरक्षित नहीं है तो आम जनमानस की सुरक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है। कांग्रेस पार्टी विनोद वर्मा की गिरफ्तारी और मंत्री के काली करतूतों का विरोध करती है। शैलेश ने बताया कि पहले शाह के बेटे के पास असमान संपत्ति का पाया जाना और पत्रकार को मानहानि की धमकी देना और अब वरिष्ठ पत्रकार की बलात गिरफ्तारी करना। इससे जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता तानाशाही से सरकार चलाना चाहते हैं।
अभय नारायण राय ने कहा कि शर्मनाक घटना है। सीडी ने प्रदेश को शर्मिंदा किया है। विनोद वर्मा की गिरफ्तारी ने भाजपा सरकार की तानाशाही गतिविधियों को उजागर किया है। पहले जय शाह के पास अनुपातहीन संपत्ति खुलासे के बाद पत्रकार को धमकी दी गयी। अब सीडी खुलासा बचने वरिष्ठ पत्रकार को सरकार के इशारे पर गिरफ्तार किया। इससे जाहिर होता है कि सरकार जनता से डर गयी है। कांग्रेस पार्टी पत्रकार के गिरफ्तारी की विरोध करती है।
प्रमोद नायक ने कहा कि पत्रकार की गिरफ्तारी का मतलब लोकतंत्र पर सीधा हमला है। गिरफ्तारी के समय नियमों को ताक पर रखा गया है। कांग्रेस पार्टी जनता को बताएगी कि किस तरह तानाशाही तरीके से सरकार सच्चाई का गला घोट रही है।
धरना प्रदर्शन के दौरान राजेन्द्र शुक्ला,नरेन्द्र बोलर,अभय नारायण राय,शिवा मिश्रा,शैलेश पाण्डेय, शेख नजरूद्दीन,शैलेन्द्र जायसवाल,प्रमोद नायक,तरू तिवारी,मणि वैष्णव,सीमा पाण्डेय,आशा पाण्डेय,चित्रलेखा,अफरोज खान,सीमा सोनी,शांति उपाध्याय,हरीश तिवारी,समेत सैकड़ों कांग्रेसी नेता मौजूद थे।