देखे Video-कहां पिघल रही बेड़ियों में जवानी,मां बाप ने क्यों पहनाया बेटे को हथकड़ी

BHASKAR MISHRA
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 बिलासपुर— सेंदरी स्थित मेंटल अस्पताल से चंद किलोमीटर दूर एक नौजवान बेड़ियों में घुट घुट कर सांस गिन रहा है। लोगों ने बताया कि विनोद कुमार चौहान पागल हो गया है। यदि दवा दारू ठीक से किया गया होता तो आज विनोद भी अपने बड़े भाई की तरह हंसी ठिठोली करता। लेकिन विनोद के पिता रमेश ने बेटे पर रूपयों की प्राथमिकता दी। यह जानते हुए भी चंद किलोमीटर दूर मेंटल अस्पताल है…जहां देश दुनिया के लोग पागलों का इलाज कराने आते हैं। ठीक हो कर लौटते भी हैं। लेकिन रमेश चौहान ने बेटे के पागलपन को कभी गंभीरता से नहीं लिया। सौतेली मां के कहने पर हाथों में बेड़ियां पहनाकर अंधेरे सिड़न भरे बदबूदार कमरे में हमेशा के बंधक बना दिया। कमरा भी ऐसा कि आज कल में गिर जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।

             
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                        कोनी थाना क्षेत्र के सेंदरी मेटल अस्पताल से चंद किलोमीटर दूर जलसो गांव में एक नौजवान की जवानी हथकड़ी में पिघल रही है। तीन साल से सिड़नभरे बदबूदार कमरे में पागल हो चुके विनोद कुमार चौहान की जवानी घुट-घुट कर लोगों से मदद की गुहार लगा रही है। लेकिन आवाज कमरे से बाहर आती ही नहीं। क्योंकि मां बाप ने ही उसे हथकड़ी पहना कर सुअरबाड़े जैसे कमरे में कैद कर दिया है।

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      गांव वालों ने बताया कि विनोद कुमार पढ़ने लिखने में ठीक ठाक था। 11 वीं फेल होने के बाद पढ़ाई बंद कर दिया। धीरे धीरे नशे का आदी हो गया। गांजा,तम्बाकू और ना जाने क्या क्या चीजों का नशा करने लगा। कुछ साल बाद विनोद असामान्य व्यवहार करने लगा। बात बात में चिढ़ने और मारपीट करने लगा। लेकिन विनोद के माता पिता ने ध्यान नहीं दिया। विनोद का बड़ा भाई पप्पू शादी करने के बाद पत्नी के घर रहने चला गया। अकेला विनोद घुमन्तु बन गया। एक दिन पता चला कि विनोद पागल हो गया है। इसके बाद उसे बांधकर रखने लगे। रिश्तेदारों के दवाब में रमेश ने दवा दारू तो किया लेकिन पूरे मन से नहीं।

हालत देखकर भागा दादा

                                 हड़कड़ी में पोते को देख विनोद कुमार चौहान का दादा केशव अपनी पत्नी के साथ हमेशा के लिए घर छोड़ दिया। विनोद कुमार का पिता रमेश चौहान केशव चौहान का एक मात्र बेटा है। तीन बेटियां शादी के बाद अपने परिवार के साथ खुशहाल जिन्दगी जी रही हैं। केशव ने हमेशा अपने लड़के से पोते का इलाज करने को कहा। बात बनते नहीं देख दादा पागल हो चुके विनोद को छोड़कर अपनी लड़कियों के पास ऐसा गया कि फिर नहीं लौटा। बावजूद इसके रमेश ने लड़के का इलाज नहीं कराया। उल्टा बे़ड़ियों में जकड़कर घुप अंधेरे कमरे में धकेल दिया। जहां दिन में भी प्रकाश पहुंचना मुश्किल है। कमरे में बिजली तो है ही नहीं।

सौतेली मां का अत्याचार 

                   पागल हो चुके विनोद कुमार चौहान की मां जन्म लेने के चार महीने बाद खत्म हो गयी। पिता रमेश चौहान ने कुछ साल बाद दूसरी शादी की। रमेश चौहान की पहली पत्नी से दो लड़के हैं। बड़ा लड़का पत्नी के साथ ससुराल में रहता है। दूसरा पागल हो गया है। लोगों ने बताया कि रमेश ने सीता से विवाह किया। सीता से दो लड़की और लड़का है। तीनो स्वस्थ्य हैं। सीता ने रमेश के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया। शायद यही कारण है कि वह पागल हो गया।

हथकड़ी और अंधेरे कमरे की सजा 

             सीजी वाल की टीम ने मौके पर देखा कि जिस कमरे में हथकड़ी पहनाकर नौजवान विनोद को रखा गया है वह काफी जर्जर हो चुका है। पिता रमेश अपने परिवार के साथ शानदार सुख सुविधाओं के साथ पक्के मकान में रहता है। पहले तो रमेश सीजीवाल की टीम से बात करने से बचता रहा। काफी कुरेदने के बाद बताया कि लड़का पागल हो गया है। यदि हथकड़ी पहनाकर ना रखें तो क्या मार खाएं। पत्थर डंडे और लात घूसों से मारता है। रमेश की पत्नी सीता सिंह ने बताया कि विनोद ने जीना हराम कर दिया है। दो बार मेंटल अस्पताल ले गए लेकिन ठीक नहीं हुआ। इसलिए हथकड़ी पहनाकर दरवाजे में बंद कर दिया। लाइट और गंदगी के सवाल पर सीता ने बताया कि पागलों के साथ ऐसा ही ठीक है। यदि उसकी हथकड़ी खोल दें तो गांव में किसी की भी हत्या कर सकता है।

बहुत मारते हैं..खाना भी नहीं देते

              हथकड़ी के साथ अंधेरे कमरे में बंद विनोद ने बताया कि बड़े भाई का नाम पप्पू है। मुझे घर में लोग छोटू कहते हैं। हथकड़ी बांधकर रखते हैं। घर वाले मुझे बहुत मारते हैं। सौतेली मां की बेटी मेरी बहन भी मारती है। खाने को भी नहीं देती।

जानवरों की तरह खाना

             सीजीवाल की टीम ने विनोद से खाना के बारे में पूछते ही उसने प्लेट की तरफ इशारा किया। प्लेट में कुछ चावल नजर आए। विनोद की सौतेली मां सीता ने बताया कि प्लेट रोज साफ करते हैं। विनोट हथकड़ी में ही खाना खा लेता है। सीजी वाली की टीम ने देखा कि पालतू जानवरों को जिस वर्तन में खाना दिया जाता है प्लेट उससे भी बदतर है। मख्यियां भिनभिना रही हैं। देखने के बाद लगा कि प्लेट कई दिनों से धोया भी नहीं गया है।

रिश्तेदारों ने बताया विनोद को मारने की साजिश

                                                                                              विनोद की बुआ के लड़के ने बताया कि मामा मामी भैया को मारना चाहते हैं। मारने का तरीका कुछ इस तरह का है कि लाठी भी ना टूटे और सांप भी मर जाए। नाना और मम्मी रमेश मामा को कई बार इलाज के लिए कहा। लेकिन उन्होने ध्यान नहीं दिया। दो बार मेंटल अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन उन्होने विनोद को घर लाकर हथकड़ी पहना दिया। कहते हैं कि विनोद मेंटल अस्पताल में भी मारपीट करता है। मामी ने पापा और मम्मी से कहा है कि पारिवारिक मामलों मे दखल ना दें। यह भी धमकी दी कि यदि पुलिस को बताया तो जिन्दा नहीं छोडुंगा।

कब मिलेगा विनोद को न्याय

                                                                                                     बहरहाल तीस साल की जवानी हथकड़ियों में पिघल रही है। दवा दारू तो दूर खाना भी ठीक से विनोद को नहीं दिया जा रहा है। मामले में एडिश्नल कलेक्टर कुंजाम से बातचीत का प्रयास किया गया। लेकिन बैठक में होने के कारण बातचीत नहीं हो पायी। लेकिन वीडियो को उन्होने जरूर देखा। देखना है कि क्या बेड़ियों में पिघलती जवानी को न्याय मिल पाता है या नहीं।

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