नईदिल्ली।चुनाव आयोग ने सरकार को साफ कर दिया है कि वह सितंबर-2018 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ कराने में सक्षम होगी।भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पिछले कई सालों से लगातार विधानसभा और लोकसभा चुनाव को एक साथ कराने की पैरवी करती रही है। हालांकि, सभी पार्टियां इस पर एकमत नहीं हैं।चुनाव आयुक्त ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने चुनाव आयोग से इस मसले पर आयोग का पक्ष बताने को कहा था।रावत ने बताया कि चुनाव आयोग को दोनों जरूरतों को पूरा करने के लिए 3,400 करोड़ और 12,000 करोड़ रुपये मिल भी चुके हैं।रावत ने कहा कि मशीनों के लिए ऑर्डर दिए जा चुके हैं इसकी डिलिवरी शुरू हो चुकी है।
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रावत के अनुसार सभी मशीनें सितंबर-2018 तक मिल जाएंगी जिसके बाद चुनाव आयोग सभी चुनाव एक साथ कराने की स्थिति में होगा।विधान सभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए करीब 40 लाख ईवीएम और इतने ही वीवीपीएटी की जरूरत है।रावत ने कहा, ‘हम सितंबर-2018 तक इस स्थिति में होंगे कि दोनों चुनाव एक साथ कराये जा सकें लेकिन यह सरकार के ऊपर है कि वह फैसला ले और जरूर कानून बदलाव करे।’रावत के अनुसार चुनाव आयोग ने सरकार को बता दिया है कि उसे सभी चुनाव एक साथ आयोजित करने के लिए बड़ी संख्या में ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनें चाहिए होंगी और इसके लिए फंड की भी जरूरत है।
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