नईदिल्ली।सूचना के अधिकार से खुलासा हुआ है कि आॅनलाइन रेलवे टिकटों पर दुर्घटना बीमा योजना के तहत निजी क्षेत्र की तीन कंपनियों को एक सितंबर 2016 से 31 जुलाई तक 24.53 करोड़ रुपए की प्रीमियम राशि का भुगतान किया गया। लेकिन इस अवधि में महज 25 बीमा दावा प्रकरणों में कुल 2.06 करोड़ रुपए का मुआवजा अदा किया गया। मध्यप्रदेश के नीमच निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आइआरसीटीसी) के एक संयुक्त महाप्रबंधक ने उन्हें यह जानकारी दी है। गौड़ की आरटीआइ अर्जी पर भेजे गए जवाब में बताया गया कि आॅनलाइन रेलवे टिकटों पर दुर्घटना बीमा योजना के लिए तीन कंपनियों- आाइसीआइसीआइ लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी, रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी और श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी से अनुबंध किया गया है। गौरतलब है कि इन कंपनियों को निविदा प्रक्रिया से चुना गया है।
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आरटीआइ के तहत सामने आए जवाब से विशिष्ट तौर पर स्पष्ट नहीं होता कि आलोच्य अवधि में किस कंपनी को कितना प्रीमियम मिला और किस कंपनी ने कितने बीमा दावों का निपटारा किया। गौड़ ने कहा, पिछले एक साल में अलग-अलग रेल दुर्घटनाओं में सैकड़ों यात्री हताहत हुए जिनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग शामिल होंगे जो आइआरसीटीसी की वेबसाइट से बुक ई-टिकट से यात्रा कर रहे थे।
ऐसे में यह बात जाहिर तौर पर चौंकाती है कि 11 महीने की आलोच्य अवधि में आॅनलाइन रेलवे टिकटों पर दुर्घटना बीमा योजना के तहत केवल 25 बीमा दावों में मुआवजे का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि रेलवे को जरूरी कदम उठाते हुए सुनिश्चित करना चाहिए कि निजी कंपनियां इस योजना के लंबित बीमा दावों का तेजी से निपटारा करें ताकि संबंधित लोगों को समय पर इसका फायदा मिल सके।