तानाशाही की हद हो गयी..लिपिक नेता ने कहा…अब आर-पार की लड़ाई…आनंद बाबू को हटना होगा

BHASKAR MISHRA
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IMG20170924131316बिलासपुर— छत्तीसगढ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रोहित तिवारी ने कहा कि अब बहुत हो गया। बी.आनंद बाबू की स्वैच्छाचारिता को बर्दास्त नहीं करेंगे।यदि बिलासपुर मुख्य वन सरंक्षक को लगाम नहीं लगाया गया तो संगठन आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। बी.आनंद बाबू की तानाशाही के खिलाफ पांच अक्टूबर को प्रदेश के सभी लिपिक प्रधान वन संरक्षक कार्यालय का घेराव करेंगे। घेराव की सूरत में बी.आनंद बाबू को हटाने की मांग की जाएगी। पत्रवार्ता में रोहित तिवारी ने बताया कि मुख्य वन संरक्षक बी.आनंद बाबू ने अपने को सिस्टम से ऊपर समझ लिया है। मंत्रालय के आदेश को भी रद्दी की टोकरी में डाल देता है। कर्मचारियों को प्रताड़ित करने नए-नए हथकंडे अपनाता है। लेकिन संघ अब ऐसा नहीं होने देगा।

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                                    छत्तीसगढ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रोहित तिवारी ने पत्रकार वार्ता कर मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर पर स्वैच्छाचारिता और कर्मचारियों पर प्रताडित करने का आरोप लगाया है। तिवारी ने बताया कि शासन के निर्देश के बाद भी बी.आनन्द बाबू तानाशाही से बाज नहीं आ रहे हैं। अधीनस्थ वन मण्डलों के सेटअप से लगातार खिलवाड़ कर रहे हैं। नियम-कायदों को ताक पर रखकर मुंगेली,जांजगीर-चांपा,धर्मजयगढ़,अचानकमार टाइगर रिजर्व,सामाजिक वानिकी और सरगुजा संभाग के कर्मचारियों को परेशान करने सेटअप छेड़छाड़ किया जा रहा है। मुख्य वन संरक्षक की मनमानी ने लिपिक कर्मचारियों का जीना हराम कर दिया है। लगातार शिकायत के बाद भी बी.आनन्द बाबू अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। यहां तक कि मामले में शासन और आलाधिकारियों के पत्रों का जवाब भी नहीं दे रहे हैं। जाहिर सी बात है कि बी.आनन्द बाबू को नियम और निर्देशों की परवाह नहीं है। दरअसल आनन्द बाबू पूरी तरह से तानाशाह हो चुके हैं।

                        महामंत्री रोहित तिवारी ने बताया कि मुख्य संरक्षक की काड़ी करने की पुरानी आदत है। पहले भी महिला कर्मचारियों को सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे मीटिंग में बुलाने की शिकायत थी। लेकिन लिपिक संघ के विरोध के बाद उन्होने बड़ी मुश्किल से आदत को छोड़ा। एक बार फिर मनमानी करना शुरू कर दिया है। उन्होने केवल परेशान करने के लिए लेखापाल हेमन्त बघेल को अन्य मंडल में संलग्न कर दिया। जबकि स्पष्ट निर्देश है कि बिना शासन की अनुमति से किसी को ना तो स्थानांतरित किया जा सकता है और ना ही संलग्नीकरण हो सकता है। लेकिन बी.आनन्द बाबू ऐसा ही किया।

               मुख्य वन संरक्षक ने बिलासपुर में पद रिक्त खाली होने के बाद भी अनुकंपा नियुक्त महिला कर्मचारी को जिले के बाहर अन्य मण्डल भेज दिया है। जबकि शासन का निर्देश है कि पद खाली होने पर किसी भी अनुकंपा कर्मचारी की नियुक्त प्राथमिकता के आधार स्थानीय स्तर पर किया जाए। मामले में पत्रव्यवहार भी किया गया..मिलने का समय भी मांगा गया। लेकिन बी.आनन्द बाबू ने कोई जवाब नहीं दिया है। इससे जाहिर होता है कि सीसीएफ को सरकारी आदेशों की परवाह नहीं है। रोहित ने एक सवाल के जवाब में बताया कि बी.आनन्द बाबू पिछले तीन साल से बिलासपुर वन मण्डल के सीसीएफ हैं। इन तीन सालों में कर्मचारियों की पदोन्नति समेत कई मामले विवादों में हैं।

                                        तिवारी ने बताया कि लिपिक संघ मान्यता प्राप्त संगठन है। पिछले तीन सालों से परामर्शदात्री समिति की बैठक नहीं हुई है। जबकि शासन का आदेश है कि संगठन और समिति की बैठक अधिकारियों के साथ हर तीन महीनों में हो। लेकिन आज तक नहीं हुई है।

              महामंत्री रोहित तिवारी ने कहा कि 25 सितम्बर 2017 से लिपिक संघ का प्रतिनिधिमण्डल मिलने का प्रयास करेगा। अल्टीमेटम भी देगा। सकारात्मक चर्चा नहीं होने की स्थिति में सीसीएफ कार्यालय का घेराव किया जाएगा। इसके बाद संगठन से विचार विमर्श के बाद रायपुर में5 अक्टूबर 2017 को प्रदेश व्यापी उग्र आंदोलन किया जाएगा। शासन से संगठन से एक मात्र मांग होगी कि बी.आनन्द बाबू को तत्काल हटाया जाए।

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