भूपेश बोले किसानों के आंदोलन से घबरा रही रमन सरकार

Shri Mi
3 Min Read

bhupesh-रायपुर।प्रदेश में किसान सरकार द्वारा किये वादों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।आर्थिक बदहाली के चलते राज्य के किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार किसान आंदोलन से भयभीत है। प्रदेश में कभी किसानों के आंदोलन को कुचलने मुनादी कराने, धारा 144 लगाने की स्थिति नहीं बनी ,लेकिन दुर्भाग्य से किसान विरोधी मानसिक्ता से ग्रस्त भाजपा के रमन सरकार छत्तीसगढ़ के किसानो पर ऐसी जुल्म और अत्याचार करने में लगी है जो कभी छत्तीसगढ़ के इतिहास मेें किसानो के साथ ऐसा बर्ताव देखने को नही मिला  है।आज छग में रमन सिह के राज में यह सब  देखने को मिल रहा है।आज शाम 07.30 बजे दिल्ली से रायपुर वापस लौटने पर हवाई अडडे पर उपस्थित पत्रकारो से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने रमन सरकार को चेतावनी देते हुये कहा की हम किसी भी भय प्रताड़ना एवं पुलिसिया आंतक से डरने वाले नहीं है।किसानो पर जितना जुल्म किया जाएगा हम बिना विचलित एवं डर के सरकार के वादा खिलाफी का जबरदस्त विरोध करते रहेंगे।

                               22 सितंबर  को किसान कांग्रेस हर हालत में किसानों के साथ मिलकर इस सरकार के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन करेगी। अजय चंद्रकार जब पहली बार विधायक बने तब उनके पास 1.64 एकड़ जमीन थी। आज करोड़ों की संपत्ति कब कैसे बन गयी है  यह उन्हें बताना चाहिए। संगठन चुनाव के संदर्भ में पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देते हुए बघेल जी ने कहा कि संगठन चुनाव चल रहा है। बीआरओ, डीआरओ, एपीआरओ आये थे, सबसे इस संबंध में रायशुमारी हुई। फाइनल रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंपना है। पीआरओ और एपीआरओ ने कार्यकर्ताओं नेताओ और वरिष्ठ नेताओं से की रायशुमारी एवं वन टू वन हुई बातचीत के आधार पर उचित निर्णय लेंगे ।

                         1 दिन के सत्र में विधानसभा का विषय नहीं लिखा गया। हमने 7 दिन का सत्र करने के लिए पत्र लिखा है। अभी के ज्वलंत विषय गौ हत्या, किसान आत्महत्या  जैसे मुद्दे इस सत्र में आते  तोे उस पर विस्तार से चर्चा होती ,किन्तु सरकार चर्चा से भागना चाहती है।हम सरकार पर दबाव बनाएंगे कि आपके द्वारा किये वायदे के अनुरुप  प्रति क्विंटल 4 हजार के हिसाब से राज्य के 37 लाख, 46 हजार किसानों को 24 हजार 600 करोड़ मिलना चाहिए।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close