नईदिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये।कैबिनेट की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मीडिया से कहा कि रेलवे के अराजपत्रित कर्मचारियों को उत्पादकता लिंक्ड 78 दिन का बोनस देने का सरकार ने निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थापित फार्मूले के अनुसार, यह बोनस 72 दिन का बनता था, लेकिन पिछले कई सालों से परंपरा के अनुरूप 78 दिन का बोनस देने का निर्णय लिया गया है।अनुमानत: सरकार के इस फैसले से रेलवे के करीब 12 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।पीएलबी के भुगतान से बड़ी संख्या में रेलवे कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने, विशेषकर रेलवे के कार्य निष्पादन और संचालन में लगे कर्मचारियों को उनकी उत्पादकता में सुधार लाने एवं रेल यात्रियों की सुरक्षा रेलों की गति और सेवा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। भारतीय रेलवे अधिकतम लोक कल्याण के सिद्धांत पर अपने काम-काज को संचालित करता है और इस संदर्भ में बोनस के भुगतान से रेलवे के संचालन में उत्तरदायित्व और दक्षता में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
डाउनलोड करें CGWALL News App और रहें हर खबर से अपडेट
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cgwall
साथ ही बैठक मे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में दंतचिकित्सक (संशोधन) विधेयक, 2017 को संसद में पेश करने की मंजूरी दी है जो दंतचिकित्सक अधिनियम, 1948 (1948 के 16) में विधि निर्माण विभाग द्वारा आवश्यक संशोधन पर आधारित होगा। यह संधोधन कानून को सरल बनाएगा और उससे अनावश्यक बातें दूर होंगी।
इसके अलावा आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने भारतीय पर्यटन विकास निगम लि. की यूनिट होटल जयपुर अशोक, जयपुर तथा ललिता महल पैलेस होटल मैसूर को क्रमश: राजस्थान सरकार एवं कर्नाटक सरकार को हस्तांतरित करने और आई टी डी सी के शेयरों के मैसर्स डॉनई पोलो अशोक होटल कार्पोरेशन में विनिवेश को मंजूरी दे दी है।
भारत सरकार की विनिवेश नीति के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि आई टी डी सी होटलों/संपत्तियों को उन राज्यों को जहां ये मौजूद हैं, पट्टे/उपपट्टे पर दे दिया जाए और जहां राज्य पट्टे/उपपट्टे पर इन्हें लेने के लिए सहमत न हो, वहां इन संपत्तियों को सरकारी मूल्यांकित कीमत पर राज्यों को वापस लौटा दिया जाए। यह नीति इस बात को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है कि व्यवसायिक आधार पर होटलों का प्रबन्धन सरकार अथवा उसके निकायों का काम नहीं है।
सरकार की विनिवेश की नीति के अनुपालन में पर्यटन मंत्रालय ने अब तक होटल लेक व्यू अशोक, भोपाल, होटल ब्रह्मपुत्र अशोक, गुवाहाटी, होटल भरतपुर अशोक, भरतपुर की संपत्तियों/यूनिटों को संबंधित राज्य सरकारों को हस्तांतरित कर दिया है। इसके अलावा आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति द्वारा होटल जनपथ, नई दिल्ली को शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार को हस्तांतरित किए जाने की सैद्धांतिक रूप से भी मंजूरी दी जा चुकी है।