नईदिल्ली।रेल सुरक्षा और तमाम समस्याओं के बावजूद बुलेट ट्रेन लंबे समय से भारत में चर्चा का विषय रहा है।समय-समय पर इसके देश में जरूरत की बात कही जाती रही है। बहरहाल, मुंबई-अहमदाबाद रूट पर इसकी शुरुआत हो रही है। बुलेट ट्रेन को इस रूट पर शुरू करने की डेडलाइन वैसे तो 2023 है लेकिन सरकार इसे 15 अगस्त 2022 इसकी शुरुआत करने को लेकर प्रतिबद्धता जता चुकी है।शिंजो आबे के भारत दौरे ने एक बार उम्मीदें बढ़ा दी हैं कि बहुत जल्द भारत को अपना पहला बुलेट ट्रेन मिल जाएगा। आईए, हम आपको बताते हैं बुलेट ट्रेन की खास बातें और इसके आने से क्या बदलाव हो सकते हैं-
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1. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रुपये बताई जा रही है। जापान सरकार इसके लिए करीब 88 हजार करोड़ रुपये दे रही है। जापान सरकार यह कर्ज़ 0.1% के रेट पर देगी, जिसे 50 साल में भारत को चुकाना होगा।
2. क्या फ्लाइट से होगी सस्ती: सरकार कह चुकी है उसकी कोशिश बुलेट ट्रेन को सभी के लिए वहन करने योग्य बनाना चाहती है। पीटीआई ने भी रेलवे अधिकारियों के हवाले से बताया है कि इसके टिकट के दाम राजधानी एक्सप्रेस- टू टियर के आसपास हो सकते हैं।
3. कैसी होगी स्पीड: मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 350 किमी और ऑपरेटिंग स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। बता दें कि दोनों स्टेशनों के बीच दूरी 508 किलोमीटर की है।
4. इस रूट पर 21 किलोमीटर लंबा टनल भी होगा। इसमें 7 किलोमीटर की अंडरवाटर टनल (संमुद्र के अंदर) भी बनाई जाएगी। यह ठाणे क्रीक से विरार तक होगी।
5. मुंबई और अहमदाबाद के बुलेट ट्रेन रूट के बीच 12 स्टेशन होंगे। यह स्टेशन होंगे- मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सुरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती।
6. भारत में बुलेट ट्रेन के जिस प्रोजेक्ट की बात हुई है वह जापान के शिकांनसेन ई-5 सीरीज की ट्रेन है। इसमें करीब 10 कोच होंगे और 750 यात्री बैठ सकेंगे। बाद में इसमें 6 कोच और जोड़े जाएंगे और इसे 1250 यात्रियों की क्षमता तक पहुंचाया जा सकेगा।
7. शुरुआत में 35 बुलेट ट्रेन दौड़ेंगी। इसे 2053 तक 105 तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। माना जा रहा है कि अहमदाबाद-मुंबई रूट पर एक दिन में बुलेट ट्रेन के 70 चक्कर लगेंगे। 24 ट्रेनों को सीधे जापान से लाया जाएगा जबकि बाकी के बुलेट ट्रेन के कोच और इंजन भारत में ही बनेंगे।
8. जॉब के बढ़ेंगे अवसर: मोदी सरकार का दावा है कि इस परियोजना के शुरू होने से संगठित क्षेत्र में 24 हज़ार रोजगार पैदा होंगे। इसके शुरू होने से मेक इन इंडिया को भी ताकत मिलने की उम्मीद है।